Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ई-चालान के जरिए जुर्माना लगाया जाता है। इसके लिए शहर के चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यद्यपि ई-चालान के माध्यम से जुर्माना लगाया जाता है, वसूली की दर कम है। पुणे में अब तक ई-चालान के जरिए 77.52 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। हालांकि वास्तव में 10 करोड़ 45 लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है। इसलिए पुणे के लोगों के वाहनों पर अब भी दंड रुपी करोड़ों रुपये बाकी हैं।
वसूली न होने के कारण
ई-चालान संदेशों की अनदेखी करना जुर्माने की वसूली न होने का एक मुख्य कारण है। कई लोग ई-मुद्रा संदेशों की उपेक्षा करते हैं और जुर्माना भरने से बचते हैं। इसलिए जुर्माने की राशि बढ़ रही है। इसके अलावा कई वाहनों के लिंक मोबाइल नंबर और वर्तमान में उपयोग में आने वाले मोबाइल नंबर अलग-अलग हैं। इसलिए वाहन द्वारा नियम तोड़ने के बाद ई-चालान संदेश वर्तमान में उपयोग में आने वाले मोबाइल पर नहीं जाता है। यह भी सामने आया है कि कुछ लोग फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गाड़ी चला रहे हैं। यदि ऐसे वाहन नियम तोड़ते हैं,तो मूल मालिक के मोबाइल पर नंबर प्लेट के साथ एक ई-चालान संदेश भेजा जाता है। इसलिए उस पर जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है। वहीं कई लोग वाहन बेचने के बाद आरटीओ में अपना मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराते हैं। पुराने वाहन मालिक को जुर्माने की रसीद मिलती है।
क्या आपके वाहन पर कोई जुर्माना नहीं है?
पुलिस द्वारा एक वाहन को जब्त करने के बाद इसकी जांच की जा रही है। इससे पता चलता है कि उस गाड़ी पर कितना जुर्माना है। उस समय वाहन चालक समझते हैं कि वाहन पर अधिक जुर्माना है। हालांकि,जुर्माना भरने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए,अपने वाहन पर लगे जुर्माने पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है। साथ ही यदि कोई ई-चालान संदेश प्राप्त होता है,यदि उसका तत्काल भुगतान कर दिया जाता है,तो जुर्माने की राशि की बचत नहीं होगी।
ई-मुद्रा कैसे चार्ज की जाती है?
शहर के चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। इसके जरिए शहर में यातायात नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर नजर रखी जाती है। यह कार्य परिवहन शाखा के येरवडा स्थित कंट्रोल रूम से किया जाता है। बिना हेलमेट वाहन चलाना, सिग्नल तोड़ना आदि। नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर नजर रखी जा रही है। फिर उनकी तस्वीरें खींची जाती हैं और समय और स्थान दर्ज किया जाता है। यह जानकारी मुंबई के कंट्रोल रूम को भेजी जाती है। वहां से नियम तोड़ने वाले वाहन नंबर के मालिक को ई-चालान संदेश भेजा जाता है