Pune News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) धर्म ईश्वर के सामने सत्य प्रकट करने का माध्यम है। धर्म वह प्रेरणा है जो व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करती है। ऐसा दावा सद्गुरु शिवकुमार महास्वामी बीदर ने यहां किया। भोसरी में 28 जनवरी से 1 फरवरी तक सद्गुरु शिवकुमार महास्वामीजी का आध्यात्मिक समारोह बीदर, गुरुदर्शन एवं प्रवचन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। ये व्याख्यान प्रतिदिन शाम 6 से 8 बजे तक अंकुशाव लांडगे थियेटर में होंगे। रविवार को प्रवचन से पहले शाम को भक्ति संगीत का कार्यक्रम पेश किया गया।
इसके बाद धर्म रक्षिता रक्षिता विषय पर एच.पी. सद्गुरु शिवकुमार महास्वामीजी ने प्रवचन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इंसान के मन में धर्म से ज्यादा अधर्म का अहंकार पैदा होता है। वह नहीं जानता कि मैं क्या करता हूं, मैं क्या कहता हूं। धर्म एक रहस्यमय और सूक्ष्म पदार्थ है, इसलिए कई बार धर्म का अभ्यास करने से व्यक्ति अधर्म बन जाता है। उन्होंने कहा कि धर्म ईश्वर को सत्य प्रकट करने का साधन है। सद्गुरु शिवकुमार महास्वामी ने जोर देकर कहा कि जो शाश्वत शांति और खुशी लाता है उसे धर्म कहा जा सकता है।
जैसे धन दान करने के लिए धन की आवश्यकता होती है, वैसे ही अच्छे कर्म करने के लिए एक पुण्य मार्ग होना चाहिए। पुण्य होगा तो उसके मन में सदाचार की बुद्धि का उदय होगा और अधर्म नहीं होगा। उसके लिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम तन, मन या वाणी से हिंसा या पाप न करें। जो वाणी, मन और शरीर से पुण्य कर्म नहीं करता वह धर्म की रक्षा नहीं कर सकता। सद्गुरु शिवकुमार महास्वामीजी ने कहा कि जो व्यक्ति कर्म नहीं करता, प्रार्थना नहीं करता,कर्म नहीं करता और केवल धन को ही ईश्वर समझकर उसके पीछे भागता है, वह पापी है। उन्होंने यह भी कहा कि किए गए कर्मों का अच्छा फल पाने के लिए देश,समय और परिस्थितियां सही होनी चाहिए। सद्गुरु शिवकुमार महास्वामीजी ने कहा कि सुख,शांति और सुख चाहिए तो धर्म की रक्षा के बिना धर्म की रक्षा,कीर्ति,सफलता और शांति संभव नहीं है।
कार्यक्रम का आयोजन श्री सद्गुरु सिद्धारुढ़ आध्यात्मिक समिति, पुणे और परम पावन शंकरानंद स्वामीजी के संस्थापक और अध्यक्ष अमरनाथ माना, सचिव रमेश गंटाले, रमेश कोहली, शिवपुत्र संतपुरे, सूर्यकांत मुरुद, रवींद्र चंगारा, अन्नासाहेब बिरादर, चंद्रशेखर गैंगर, वीरेंद्र काले, संतोष बिराजदार द्वारा किया गया था। भक्ति धनुरे ने किया है कार्यक्रम के बाद महाप्रसाद की व्यवस्था की गई है। श्री सद्गुरु सिद्धारूढ़ आध्यात्मिक समिति पुणे ने सभी श्रद्धालु भक्तों से इसका लाभ उठाने की अपील की है।