पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा में स्मर्टा सिटी प्रोजेक्ट का डेटा पर सायबर हमला हुआ या फिर क्रेश हुआ यह तो जांच का विषय है। लेकिन अब जो इसकी आढ में खेल खेला जा रहा है वह खतरनाक है। पालिका को आर्थिक नुकसान का खेल हो रहा है। सायबर हमला को छुपाया जा रहा है,महापौर के पत्र को रद्दी की टोकरी में डालकर पालिका आयुक्त मनमानी करके उसी कंपनी को फिर से ठेका दे रहे है जो इसके जिम्मेदार है।
चूंकि एंटीवायरस सिस्टम सक्षम नहीं था, इसलिए पिंपरी चिंचवड मनपा के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर एक साइबर हमला हुआ और 15 दिन पहले पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी कि बड़ी मात्रा में डेटा एन्क्रिप्ट किया गया था। उन्हें टेक महिंद्रा, क्रिस्टल इंटीग्रेटेड और आर्किस इंफ्रा … की घोर लापरवाही के लिए दोषी ठहराया गया था,जो पूरे स्मार्ट सिटी का मालिक है। पुलिस जांच ने भी इस कंपनी की गैरजिम्मेदारी साबित हुई है। दुर्भाग्य स अब फिर से उसी कंपनी के निदेशक Volcarsa Techno Solutions Pvt लिमिटेड, मुंबई में आयुक्त द्वारा स्थायी समिति को एंटीवायरस सिस्टम के समर्थन से तीन साल के लिए पालिका के भवन में कंप्यूटर और सर्वर सिस्टम खरीदने का प्रस्ताव दिया गया है। शहर की महापौर माई ढोरे ने निविदा को तत्काल रद्द करने की मांग की और इसका कड़ा विरोध किया।
एनएमसी कंप्यूटर और सर्वर सिस्टम के लिए आवश्यक एंटीवायरस सिस्टम और सहायक स्टाफ के साथ 3 साल के लिए खरीद के लिए एक ई-टेंडर (सुझाव संख्या 47/2020-21) आमंत्रित किया गया था।यह कंपनी ने रेट घटा दिया है और 32 लाख 88 हजार का टेंडर किया है, जो 45.47 प्रतिशत कम है (अनुमानित टेंडर कुल 60 लाख 30 हजार रुपये)। पिछले हफ्ते पालिका की स्थायी समिति की बैठक में यह मुद्दा सामने आया है। बैठक स्थगित कर दी गई।
साइबर हमलावर महीनों से इस प्रणाली को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। यहां तक कि सबसे सरल विचार यह था कि जिन तीन कंपनियों को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी सौंपी गई थी,उनका कोई विचार नहीं था। इस कंपनी की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी सबूतों से साबित हुई है। ऐसी स्थिति में, उसी कंपनी को फिर से सुरक्षा प्रदान करना अपने पैरों पर पत्थर फेंकने जैसा है। गंभीर सवाल यह है कि जो कंपनी स्मार्ट सिटी के डेटा को सुरक्षित नहीं रख सकी, वह पालिका के सभी विभागों के डेटा को कैसे सुरक्षित रखेगी इसी मुद्दे पर महापौर माई ढोरे ने 22 मार्च को कमिश्नर राजेश पाटिल को पत्र लिखा था। उस पत्र में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इस विषय के लिए आमंत्रित निविदाएं क्रमशः 52% और 48% कम दर की हैं और सरकार के निर्णय के अनुसार वे बहुत गलत ह््ैं। इसके अलावा एक साइबर हमला था और सर्वर में डेटा एन्क्रिप्ट किया गया था। यदि यह डेटा वापस करना है तो पैसे की मांग की जाती है। क्या पिंपरी चिंचवड़ पालिका द्वारा निर्धारित मूल्य से बहुत कम कीमत पर आपूर्ति करने वाला एंटीवायरस सिस्टम वास्तव में सक्षम होगा ऐसा सवाल महापौर ने उठाया। महापौर ने टेंडर प्रक्रिया रद्द करने की मांग अपने पत्र में की है। लेकिन आयुक्त राजेश पाटिल ने पत्र पर कोई विचार नहीं किया। ऐसा हम कह सकते है कि महापौर के पत्र को कोई कीमत न देते हुए रद्दी की टोकरी में फेंकने का काम किया गया है।