पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा में ठेका पाने के लिए फर्जी बोगस एफडीआर और बैंक गारंटी जमा करके करोडों रुपये का ठेका झटकने वाले 18 में से 5 ठेकेदारों के विरुद्ध पिंपरी पुलिस स्टेशन में 420 का अपराध दर्ज हुआ है। अभी किसी भी ठेकेदार की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पालिका आयुक्त के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। पांचों ठेकेदार ठाणे जनता,बैंक ऑफ महाराष्ट्र,पंजाब नेशनल बैंक का फर्जी एफडीआर जमा कराए हैं।
स्थापत्य विभाग की ओर से बांधकामों का टेंडर निकाला जाता है। लघूतम दर भरने वाले ठेकेदारों को काम दिया जाता है। काम लेते समय ठेकेदारों को एफडीआर,बैंक गारंटी पालिका में जमा करानी होती है। ठेकेदार फर्जी एफडीआर,बैंक गारंटी के दम पर टेंडर पाया यह बात आयुक्त के ध्यान में आते ही ऐसे सभी 18 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया। इसमें से 5 ठेकेदारों के विरुद्ध आयुक्त ने अपराध दर्ज करने की सिफारिश की थी। लेकिन पालिका की ओर से प्रतिनिधि केस दर्ज करने नहीं पहुंचने से एक महीना का समय बीता। पुलिस विभाग का कहना था कि केवल सिफारिश पत्र भेजने से केस दर्ज नहीं होता उसके लिए पालिका की ओर से कोई अधिकारी फरियाद देने के लिए आना चाहिए। आयुक्त ने सिविल इंजीनियरिंग अधिकारी रमेश कुमार जोशी को इस काम के लिए भेजा। जोशी ने पिंपरी पुलिस में फरियाद दर्ज करायी और ठेकेदारों पर 420 के आरोप के तहत केस दर्ज किया गया।
इसमें पाटिल एसोसिएट्स के सुजीत पाटिल,कृति कंस्ट्रक्शन के विशाल कुरदे,एसबी सवाई के संजय सवाई,वैदेही कंस्ट्रक्शन के दयानंद मालगे और डीडी कंस्ट्रक्शन के दिनेश नवानी पर केस दर्ज हुआ है। चिंचवड के भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप ने पिछले साल जनवरी में आयुक्त को पत्र लिखकर फर्जी एफडीआर वाले ठेकेदारों की जांच करके कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन आयुक्त श्रावण हर्डीकर ने इस मामले को लटका कर रखा। जब मीडिया में यह मुद्दा सुर्खियों में आया तो दबाव बना और 18 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया। इसमें से केवल 5 ठेकेदारों पर अपराध दर्ज हुआ है बाकी पर आयुक्त क्या कार्रवाई करते हैं इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।