वाराणसी। व्हीएसआरएस न्यूज:नवरात्र की तृतीया तिथि पर सौभाग्य गौरी के दर्शन का विधान है। वाराणसी में मां चंद्रघंटा और सौभाग्य गौरी के दर्शन-पूजन के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालु कतारबद्ध हैं। मंदिर क्षेत्र में माता के जयकारे गूंज रहे हैं। सौभाग्य गौरी का विग्रह विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी स्थित सत्यनारायण मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित है।
देवी के इस स्वरूप के दर्शन से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है। कहते हैं 108 दिन लगातार देवी के दर्शन से मनोरथ विशेष अवश्य पूर्ण होता है। चौक स्थित प्राचीन माता चंद्रघंटा के मंदिर में सुबह छह बजे के बाद से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। हालाँकि श्रद्धालुओं को अखंड सौभाग्य और सुख प्रदान करने वाली सौभाग्य गौरी से भक्तों ने घर बैठे भी पूजन कर आशीर्वाद मांगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि बाबा दरबार परिक्षेत्र स्थित मंदिर में दर्शन पूजन की मान्यता होने की वजह से सौभाग्य गौरी का दर्शन पूजन सोमवार की सुबह नवरात्र के तीसरे दिन लोग कर रहे हैं।
नवरात्र के मौके पर मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया और संवारा गया है। कॉरिडोर परिसर में निर्माण के बाद भी सौभाग्य गौरी की मान्यता की वजह से सत्यनारायण मंदिर में लोगों की आस्था बनी हुई है। बाबा दरबार आने वाले लोग सौभाग्य गौरी का दर्शन और पूजन सत्यनारायण मंदिर में जाकर कर रहे हैं। उनके दर्शन मात्र से मानव जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है और जीवन सफल हो जाता है।
चतुर्थी पर शृंगार गौरी का करेंगे पूजन
आपको बता दे कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्थित मां शृंगार गौरी के दर्शन पूजन की परंपरा हर वर्ष की भांति निभाई जाएगी। रविवार को कर्णघंटा स्थित गुर्जर धर्मशाला में अखिल भारतीय ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अनिल गुरु की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय हुआ कि हर वर्ष की परंपरा के अनुसार चैत्र शुक्ल चतुर्थी को मां शृंगार गौरी का दर्शन पूजन किया जाएगा। महापरिषद के कार्यकर्ता प्रात: नौ बजे जुलूस की शक्ल में सत्यनारायण मंदिर से निकलेंगे और बाबा के धाम में स्थित माता का दर्शन पूजन करेंगे।