गोरखपुर| व्हीएसआरएस न्यूज: कल मंगलवार को नेपाल सरकार ने लगभग डेढ़ साल से बंद चल रही भारत सीमा को खोलने का निर्णय लिया है। नेपाल कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय पर मुहर भी लग गई हैैं। हालांकि, नेपाल सरकार ने सीमा खोलने की तिथि तय नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि इसी माह सामान्य आवागमन शुरू हो जाएगा। सीमा कब से खोली जाएगी, इसकी फैसला वहां की राज्य सरकारों को करना है। कैबिनेट के फैसले से दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों के लोग उत्साहित है।और बेसब्री से सीमा खुलने का इंतजार कर रहे हैैं।
कोरोना संक्रमण के कारण 22 मार्च 2020 से लगी है आवागमन पर पाबंदी
बता दे की कोरोना संक्रमण को देखते हुए नेपाल सरकार ने 22 मार्च, 2020 से भारत सीमा से आवागमन पर पाबंदी लगा रखी है। केवल मालवाहक वाहनों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। पर्यटकों पर भी पाबंदी है। जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की आवश्यकता है, वह अनुमति लेकर आ-जा सकते हैैं। सीमा खुलने से आवागमन सामान्य हो जाएगा, हालांकि वहां के अधिकारियों को आदेश का इंतजार है।
बार्डर खुलने की सूचना पर उत्साहित हैं सीमावर्ती क्षेत्र के लोग, आदेश का इंतजार
इस बारे मे बेलहिया भंसार कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि अभी मालवाहक वाहनों के प्रवेश की ही अनुमति है। सीमा खोलने का आदेश आने पर उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। रूपनदेही के सीडीओ ऋषिराम तिवारी ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में सीमा खुलने का निर्णय ले लिया गया है लेकिन राज्य या जिला प्रशासन के पास अभी तक कोई आदेश नहीं आया हैं।
पर्यटकों से वसूली के आरोप में नेपाली पुलिसकर्मी व दलाल हिरासत में
वही भारतीय पर्यटकों पर लगी पाबंदी के बावजूद एक टूर एंड ट्रैवेल एजेंसी व बार्डर की बेलहिया (नेपाल) पुलिस द्वारा रकम वसूली कर भारतीय पर्यटकों को सरहद पार कराने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में बेलहिया पुलिस कर्मी व ट्रैवल एजेंट को हिरासत में लेकर भैरहवा स्थित प्रहरी प्रमुख कार्यालय ले जाया गया है।
मामले ने तूल तब पकड़ा जब रविवार को काठमांडू पहुंचे भारत के गुजरात से आए आठ पर्यटकों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। सोनौली-बेलहिया सीमा से पर्यटकों को नेपाल पुलिस कर्मी ने रकम वसूल कर सीमा पार करने दिया। फिर वह पशुपतिनाथ दर्शन के लिए काठमांडू पहुंच गए। वहां की पुलिस ने जब पर्यटकों से पूछताछ की तो एक पुलिस कर्मी भारतीयों से रकम लेकर नेपाल प्रवेश कराने का दोषी पाया गया।
प्रति पर्यटक हुई थी 500 रुपये की वसूली
आपको बताते चले की काठमांडू पर्यटन विभाग की पूर्व सभापति चित्रलेखा यादव की शिकायत पर हुई जांच में जो बात सामने आई उसके मुताबिक भारतीय पर्यटकों से सोनौली से बेलहिया प्रवेश के लिए 500 रुपये भारतीय प्रति पर्यटक वसूली की गई थी। इसके अलावा टूर एंड ट्रैवेल कंपनी के एजेंट ने रास्ते की यात्रा, होटल व खाना खर्च के नाम भी अधिक रकम वसूले थे। भारतीय पर्यटकों में से एक नेपाल के पर्यटन विभाग से जुड़े उच्चाधिकारियों का परिचित था। इसलिए मामला उजागर हो गया।
इस संबंध में नेपाल के रूपनदेही जिले के एसपी मनोज केसी ने कहा कि सोनौली-बेलहिया सीमा पर भारतीय पर्यटकों से रकम वसूली कर सरहद पार कराने के आरोप में एक पुलिसकर्मी व बेलहिया के गुजराती टूर एंड ट्रैवेल से जुड़े एक कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ जारी है।