मेरठ| व्हीएसआरएस न्यूज: वैश्विक आपदा कोरोना से हो रही मौतों से सूरजकुंड श्मशान घाट की व्यवस्था चरमरा गई है। पार्किंग क्षेत्र में संक्रमित शवों के दाह संस्कार के लिए प्लेटफार्म नसीब नहीं हो रहे हैं। जमीन पर ही चिता लगानी पड़ रही है। यह स्थिति नान-कोविड शवों के दाह संस्कार को लेकर भी बनी हुई है। वहीं, न तो समय से सफाई हो पा रही है और न ही सैनिटाइजेशन।
सुबह से ही आ रहे शव
कल सोमवार को भी श्मशानघाट के हालात भयावह रहे। सूरजकुंड श्मशानघाट पर रात 8.30 बजे तक कुल 44 शवों का दाह संस्कार गंगा मोटर कमेटी ने कराया। इनमें 14 कोविड और 30 नान कोविड शव थे। सुबह से ही शवों का लाना शुरू हो जाता है। एक शव के दाह संस्कार की व्यवस्था बनाई जाती है कि दूसरा शव एंबुलेंस लेकर पहुंच जाती है। दोपहर बाद ही श्मशानघाट के प्लेटफार्म फुल हो जाते हैं। चिता जमीन पर लगती हैं। शाम के वक्त दाह संस्कार के लिए हर रोज परेशानी खड़ी हो रही है।
बाले मियां कब्रिस्तान में नौ शव दफनाए गए
आपको बताते चले कि सोमवार को हजरत बाले मियां कब्रिस्तान में सोमवार को कुल नौ शव दफनाए गए। प्रबंधक मुफ्ती मोहम्मद अशरफ ने कहा कि कब्रिस्तान में नगर निगम सैनिटाइजेशन कराए। सफाई भी नहीं हो पा रही है। जबकि नगर आयुक्त की ओर से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।