लखनऊ| व्हीएसआरएस न्यूज: बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कर्मियों के किए गए स्थानांतरण के विरोध में सोमवार को कर्मचारियों ने स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव कर दिया। स्वास्थ्य भवन पहुंचे सैंकड़ों कर्मचारियों ने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। यूपी पब्लिक एंड मेडिकल हेल्थ मिनीस्टीरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग पर तानाशाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण नीति के तहत सिर्फ 20 फीसद कर्मचारियों के ही तबादले किए जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 3000 में से 1534 कर्मचारियों का तबादला कर दिया।
दिव्यांग कर्मचारियों और दो साल से कम समय में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को काफी दूर जिलों में भेज दिया गया। विरोध के बाद महिला कर्मचारियों के तबादले संशोधित किए गए लेकिन पूरी तरह गड़बड़ी दूर नहीं की जा रही है। ऐसे में कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हैं। मालूम हो कि पिछले एक हफ्ते से कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल ने पूरी तरह से चिकित्सीय व्यवस्था को बेहाल कर दिया। यूपी के ज्यादातर जिलों में एंबुलेंस सेवा ठप हो गई है। प्रदेश में 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) की एंबुलेंस चला रहे कर्मचारियों को नई कंपनी द्वारा कम वेतन दिए जाने और ट्रेनिंग के नाम पर 20 हजार रुपए लिए जाने के कारण करीब एक हजार कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। सोमवार को 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के भी कर्मचारी इनके पक्ष में उतर आए और कार्य बंद कर दिया।
आपको बताते चले कि कुल 4720 एंबुलेंस पर तैनात करीब 23 हजार कर्मचारियों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की एमडी अपर्णा उपाध्याय से वार्ता असफल रही। अभी तक जीवीकेइएमआरआइ एएलएस, 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा का संचालन कर रही थी लेकिन एएलएस एंबुलेंस सेवा के संचालन की जिम्मेदारी बीते दिनों जिगित्सा हेल्थ केयर को सौंपी गई थी। वहीं दूसरी तरफ तबादला रद्द करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य कर्मी भी हड़ताल पर हैं।
जिसकी वजह से प्रदेश भर में चिकित्सीय व्यवस्था पटरी से उतर गई है। मरीज इलाज के लिए बेहाल हो रहे हैं। वहीं एंबुलेंस की हड़ताल की वजह मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं, अस्पताल पहुंचने के बाद भी इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। तबादला रद्द करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य कर्मी महानिदेशालय का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं।