लखनऊ| व्हीएसआरएस न्यूज: लखनऊ के शकील की अलकायदा के आतंकियों को असलहा मुहैया कराने मे बड़ी भूमिका रही है। उसने चमनगंज निवासी शख्स से सौदा कराया और पिस्टल के साथ तीन चाकू दिलाए। आतंकियों ने इसके लिए एकमुश्त रकम चुकाई थी।
यह खुलासा एटीएस की जांच में हुआ है। पिछले कई दिन से शकील एटीएस की हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है। असलहे मुहैया कराने में शकील के एक-दो सहयोगी भी रहे हैं। जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
एक दैनिक समाचार पत्रिका ने खुलासा किया था कि लखनऊ में पकड़े गए आतंकी मिनहाज और मुशीर के पास से मिली देशी पिस्टल चमनगंज से खरीदी गई थी। अब इसमें एक नया तथ्य सामने आया है। इनके पास मिले तीन चाकू भी यहीं से खरीदे गए थे। पूरा सौदा शकील ने ही कराया था। सूत्रों के मुताबिक जब आतंकियों ने शकील से असलहों की मांग की तो उसने चमनगंज निवासी अपने परिचित से संपर्क किया। इसके बाद वे यहां पिस्टल व चाकू खरीदने आए।
वही अब तक की जानकारी के मुताबिक असलहा बेचने वाला हिस्ट्रीशीटर है। जांच एजेंसी उसे भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उसकी निशानदेही पर असलहों व विस्फोटकों की बरामदगी के प्रयास जारी हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर देते बड़ी वारदात को अंजाम
सूत्रों का कहना है कि पिस्टल की खरीदारी सिर्फ टेस्टिंग के लिए की गई थी। आतंकियों ने असलहा बेचने वाले से कहा था कि असलहा अच्छा हुआ तो इसकी बड़ी खेप खरीदेंगे। इस दौरान एक साथ सैकड़ों कारतूस की मांग भी की थी। चमनगंज निवासी युवक ने अपने एक मददगार से कारतूस दिलाने की भी बात कर ली थी। कुछ दिन में असलहों व कारतूस की सप्लाई होनी थी। इसके बाद आतंकी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर वारदात को अंजाम देते। कारतूस देने वाले तक भी पहुंचने की जद्दोजहद में जांच एजेंसी जुटी हुई है।
53 लोगों के गतिविधियों की जुटाई जा रही जानकारी
आपको बताते चले की एटीएस ने खुरासान मॉड्यूल के खुलासे के बाद कानपुर के 53 लोगों की काउंसिलिंग की थी। आतंकियों का इन लोगों का माइंडवॉश कर गिरोह में शामिल कर लिया था, लेकिन ये किसी आपराधिक घटना में शामिल नहीं हुए थे। इसलिए जांच एजेंसी ने इन पर कार्रवाई नहीं की थी। हालांकि लगातार इनकी निगरानी होती रही है। अब जब अलकायदा के आतंकी पकड़े गए हैं तो जांच एजेंसी और सतर्क हो गई है। इन 53 लोगों की मौजूदा गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।