हाथरस (व्हीएसआरएस न्यूज) हाथरस की सीमा पर आज भी संग्राम छिड़ा है।गैंगरेप पीड़िता के गांव में परिंदा पर न मार पाए,इसके लिए पुलिस की जबर्दस्त किलेबंदी है। उधर,पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए मीडियावाले और नेता जिद पर अड़े हैं। नोकझोंक और बहस का सिलसिला जारी है। कुछ ने गांव में घुसने की कोशिश की तो दोपहर बाद गांव की बैरिकेडिंग भी कर दी गई। आखिर किसके आदेश से रोक रहे हो? पुलिसवालों के पास बस इसका एक ही जवाब है- मऊपर से आदेश है। गांव में नहीं जाने दे सकते।फ सुबह एडीएम से मीडियावालों ने सवाल किए तो,वह भाग खड़े हुए। उधर,आज पुलिस के साथ धक्कामुक्की में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन भी गिर पड़े। अब सवाल उठता है कि आखिर हाथरस की इस किलेबंदी की वजह क्या है? सरकार गांव में मीडिया के जाने से इतना क्यों डर रही है? इन सवालों पर आला अफसर मौन हैं। योगी सरकार के मंत्री भी चुप्पी साधे हुए हैं।
धक्कामुक्की में गिरे टीएमसी सांसद
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल को हाथरस सीमा पर रोक दिया गया है। वे मृतका के परिवारवालों से मिलने जा रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें गांव में घुसने की इजाजत नहीं दी तो उनकी पुलिस से धक्कामुक्की हो गई और वह जमीन पर गिर पड़े। बता दें कि गुरुवार को यमुना एक्सप्रेस-वे पर पुलिस के साथ धक्कामुक्की में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी गिर पड़े थे।
मीडिया से नोकझोंक
योगी सरकार के आदेश के बाद पुलिस ने मृतका के गांव जाने वाले सारे रास्तों को बंद कर दिया है। वहां मीडिया को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को भी जाने से रोका जा रहा है। गांव में भी किसी को भी एंट्री नहीं दी जा रही है। हाथरस पुलिस ने मीडिया,राजनीतिक लोगों और अन्य लोगों को एंट्री गांव में गुरुवार को ही बैन कर दी थी।
केजरीवाल बोले-बेहद दुखदायी घटना
इस बीच, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाथरस की घटना को काफी दुखदायी बताया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पीड़ित परिवार से राज्य सरकार पेश आ रही है वह भी गलत है।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा
गांव के चारों तरफ कड़ा पहरा है। भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। किसी भी गांव वाले को गांव के बाहर जाने और बाहर से किसी को भी गांव में आने के इजाजत नहीं है। मीडिया को गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर ही रोका गया है।
पुलिसवाले हैं बेबस
इस बीच,गांव की सीमा के बाहर तैनात पुलिसवालों की बेबसी भी देखी जा रही है। मीडिया के जब उनसे अंदर नहीं जाने को लेकर सवाल पूछ रही है तो वो ऊपर के आदेश का हवाला दे रहे हैं। आदेश है, इसलिए पुलिसवाले किसी को मृतका के गांव में घुसने भी नहीं दे रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यहां धारा 144 लगाया गया है। यानी एक जगह 5 से ज्यादा व्यक्ति नहीं हो सकता है। टीएमसी नेता ब्रायन ने जब दो लोगों के साथ मृतका के परिजनों से मिलने की गुहार लगाई तो भी उन्हें गांव में नहीं जाने दिया।
प्रशासन की चुप्पी
शुक्रवार को मीडिया ने जब पीड़िता के परिवार से बात करने का प्रयास किया तो परिवार के हर सदस्य का मोबाइल बंद था। काफी प्रयास के बाद भी सबसे मोबाइल स्विच ऑफ मिले। मीडिया में खबर फैलते ही जब प्रशासन से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने जवाब पर टाल-मटोल कर दिया।
भाई नहीं कर रहा किसी से बात
कुछ देर बाद पीड़िता के भाई का मोबाइल स्विच ऑन किया गया लेकिन लगातार फोन मिलाने के बाद भी वह किसी का फोन नहीं उठा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स है कि पुलिस-प्रशासन ने पीड़िता के घरवालों पर पहरा सख्त कर दिया है। किसी को मोबाइल पर भी बात करने की अनुमति नहीं है। कोई भी घरवाला मीडिया से बात नहीं कर सकता है।