सतना(व्हीएसआरएस न्यूज)जी हां! हम बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार लोगों की सुविधा हेतू एक आदेश पारित किया गया है कि मध्यप्रदेश के समस्त जिलों की सभी पंचायतों में हल्का पटवारी ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को यह सभी अपने कार्य क्षेत्र में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेगें। जबकी सतना जिले के मैहर जनपद दुबेही ग्राम पंचायत में ठीक इसके विपरीत काम हो रहा है। हाल ही में मैहर तहसील के तेजतर्रार एसडीएम सुरेश अग्रवाल और अपने कर्तब्य के प्रति निष्ठावान तहसीलदार मानवेन्द्र सिंह ने सभी पंचायत के हल्का पटवारी रोजगार सहायक पंचायत सचिवों को चेतावनी देते हुए कहा कि सप्ताह में दो दिन हल्का पटवारी ग्राम पंचायत सचिव रोजगार सहायक अनिवार्य रूप से अपने कार्य क्षेत्र मे उपस्थित रहेंगे। इसके बावजूद हल्का पटवारी के. के. पान्डेय, ग्राम पंचायत सचिव चन्द्रपाल द्विवेदी रोजगार सहायक सुदामा पटेल अपने कार्य क्षेत्र से नदारत रहते है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव चन्द्रपाल द्विवेदी का भ्रष्टाचार से चोली दामन का साथ रहा है कुछ वर्ष पहले द्विवेदी को भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर इन्हें सेवा मुक्त कर दिया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह इतना शातिर है कि एक छुट भैय्या नेता की मदद से बिचौलिए के जरिऐ एक बडी रकम का चढावा चढाकर पुनः सेवा में आ गया जबकी इसका मामला मा.उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रलंबित बताया जा रहा है यह ग्राम पंचायत दुबेही में जब से अपना पदभार संभाला है तभी से उसी छुट भैय्या नेता के सहारे खुले आम भ्रष्टाचार कर रहा है फिर चाहे वह सरकारी जमींन पर अतिक्रमण का मामला हो या सडक निर्माण,तालाब की मेड पर अवैध मकान पुलिया निर्माण,मेड बधान प्रधानमंत्री आवास मुख्यमंत्री आवास शौचालय बनवाने या तालाब का बिना लिलाव के सिंघाडा लगवाने का मामला हो यह तीनों आपसी सांठगांठ करके लाखों के वारे न्यारे कर रहे है। वही अगर हाल्का पटवारी के. के .पान्डेय का इतिहास भी इनसे कुछ कम नही है। कुछ वर्ष पहले यह जरियारी हल्का पटवारी के पद पर कार्यारत थे। जरियारी गांव में के. के. पान्डेय द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया गया था, भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर मैहर के एसडीएम श्री सुरेश अग्रवाल द्वारा पान्डेय को सस्पेन्ड किया गया था। गलियारों में चर्चा यही है कि उस समय भी इसी छुट भैय्या नेता ने या यूं कहे कि भ्रष्टाचारियों के लिए मसीहा माने जाने वाले नेता ने अधिकारियों पर दबाव डालकर बचाने का काम किया। दुबेही के लोगों द्वारा इनकी कई शिकायतें की गई है परंतु यह छुट भैय्या नेता इनको हर बार बचा लेता है।
यही वजह है की ग्राम पंचायत दुबेही के निवासियों का अगर कोई काम इनसे पडता है तो हाल्का पटवारी ग्राम पंचायत सचिव चन्द्रपाल द्विवेदी रोजगार सहायक सुदामा पटेल को खोजने में महीनों बीत जाते है परंतु यह नहीं मिलते। लोगों ने बताया की हल्का पटवारी को अगर कोई फोन किया जाय तो वह रटा रटाया जबाब देते है की मैं कलेक्टर साहब के साथ में हूँ, दूसरे दिन आज रीवा विभागीय आयुक्त की बी सी चल रही है या फिर फला रिश्तेदार गुजर गया इत्यादि बहाने तैयार रखते है।
वही पंचायत सचिव चन्द्रपाल के निवास स्थान पर जाने के बाद पता चलता है की अभी वह लोगों का इलाज करने ग्रामीण भाग में गए है लोगें ने बताया की यह झोला छाप डॉक्टर है जो लोगां की जान से खिलवाड करता है। यहां तक की गांव के भोले भाले लोगों को गंभीर बीमारी बता कर पैसे ऐंठने का काम रहा है वही रोजगार सहायक सुदामा पटेल लोगों के फोन नंबर ब्लाँक कर देता है अगर कोई रिश्वत दे तब बडे मुस्किल से यह मिलता है ग्राम वासियों द्वारा 181 सीएम हेल्फलाइन पर फोन के माध्यम से आए दिन इनकी शिकायतें करने के बावजूद इन पर कोई कार्यवाही नही हो रही।
सूत्रो से जानकारी यह भी मिली है की हाल ही में मैहर तहसील के तेज तर्रार तहसीलदार श्री मानवेन्द्र सिंह द्वारा दुबेही ग्राम पंचायत का अचानक निरीक्षण किया गया जिस पर हल्का पटवारी सहित अन्य अनुपस्थित पाए गए अब देखने वाली बात यह है की इन भ्रष्टाचारियों पर कोई ठोस कार्यवाही होती है या प्रशासन छुट भैय्या नेता के इशारे पर दुम हिलाता रहेगा और गांधी के तीन बंदरों की भूमिका में रहेगा?