अहमदनगर(व्हीएसआरएस न्यूज) चुनाव आते ही हर जगह राजनीति गरमा जाती है। ऐसा ही कुछ वर्तमान में साईं के पवित्र शहर शिर्डी में देखा जा रहा है। शिर्डी आने वाले श्रद्धालुओं पर टोल लगाने के लिए शिर्डी नगर पंचायत में एक प्रस्ताव पेश किया गया है। हालांकि इसके कारण सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना-राकांपा के राजनीतिक झगड़े में खटास आ गई। शिर्डी आने वाले भक्तों से अब प्रवेश कर वसूला जाएगा। साईंबाबा संस्था ने शिर्डी नगर पंचायत को दिए गए स्वच्छता कोष को बंद कर दिया है। इसलिए अब शिर्डी शहर को साफ रखने के लिए एक बार फिर प्रवेश कर लागू किया जाएगा। इसलिए पंद्रह साल पहले बंद किए गए टोल गेटों को फिर से खोलने की संभावना है। सत्तारूढ़ बीजेपी ने संकल्प को तोड़ दिया है। महापौर शिवाजी गोंडकर ने स्थानीय महाविकास अघाड़ी के नेताओं पर आगामी चुनाव से पहले प्रस्ताव का विरोध करने का आरोप लगाया है।
वास्तव में मामला क्या है?
हर दिन शिर्डी में हजारों भक्त साईं बाबा के दर्शन करने आते हैं। इसलिए शिर्डी नगर पंचायत पर गाँव की स्वच्छता की जिम्मेदारी है। इससे पहले साईं भक्तों को शिर्डी आने पर प्रवेश कर देना पड़ता था। हालांकि भक्तों को इस समस्या से बचने के लिए 2005 में नगर पंचायत द्वारा शिर्डी की सफाई के लिए आवश्यक धन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया था। शिर्डी संस्थान के तत्कालीन अध्यक्ष स्व.जयंत ससाणे ने लिया। तब से साईं संस्थान द्वारा हर महीने नगर पंचायत को 42 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा था। हालांकि लॉकडाउन के दौरान साईं संस्थान प्रशासन द्वारा प्रदान की गई धनराशि को पिछले मई से अचानक रोक दिया गया था। इसलिए यह सवाल उठता है कि नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कैसे किया जाए। इससे हर महीने सफाई कंपनी को भुगतान करना मुश्किल हो गया। नगर पंचायत ने अब प्रवेश कर लेने का फैसला किया है क्योंकि साईं संस्थान ने बिना किसी पूर्व विचार के अचानक धन देना बंद कर दिया है।
राकांपा और शिवसेना का विरोध
शिर्डी नगर पंचायत पर भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल के समूह का शासन है। राधाकृष्ण विखे पाटिल की बैठक में नगर पंचायत की समस्या को हल करने के लिए साईं भक्तों से प्रवेश कर और सफाई कर शुरू किया जाएगा। नगर पंचायत ने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेज दिया है। राज्य सरकार से अनुमति के बाद टैक्स को इकट्ठा करने के लिए शिर्डी प्रवेश पर नाका शुरू होने की संभावना है। बीजेपी के मेयर शिवाजी गोंडकर ने प्रस्ताव को रखा है। लेकिन इस संकल्प का राष्ट्रीयकरण करें शिवसेना नेता कमलाकर कोटे ने प्रवेश कर के संग्रह का कड़ा विरोध किया है। हालांकि शिवसेना महिला अघाड़ी नेता और पूर्व महापौर अनीता जगताप ने एक समन्वय भूमिका निभाई है। इसके अलावा साईबाबा संस्थान ने बंद होने के लिए स्वच्छता निधि प्रदान करने का निर्णय लिया है,अन्यथा हम आंदोलन करेंगे। अनीता जगताप शिर्डी नगर पंचायत में एकमात्र कॉर्पोरेटर हैं। कोई राकांपा या कांग्रेस का नगरसेवक नहीं है। जगताप के बयान से पता चलता है कि शिवसेना विभाजित है।