पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) रेमडेसिवीर इंजेक्शन कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कारगर है या नहीं इस बारे में राज्य की कोविड टास्क फोर्स फरीक्षण करेगी। इसके बाद राज्य सरकार इस बारे में केंद्र को पत्र भेजेगी। ऐसा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा। मंत्री का यह बयान डब्लूएसओ की स्टडी के बाद आया है जिसके अनुसार दवा का कोविड सरीजों पर असर न के बराबर होने का दावा किया गया है।
राजेश टोपे ने कहा है कि रेमडेसिवीर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्रभावी है या नहीं, इसके लिए राज्य की कोविड टास्क फोर्स परीक्षण करेगी। साथ ही हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के लिए दवा के यूज के लिए निर्देश के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे। महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के चेयरमैन संजय ओक ने बताया कि कोविड के इलाज के दौरान तीसरे और नौवें दिन के अंदर इस्तेमाल करने पर रेमडेसिवीर का असर दिखता है। उन्होंने बताया कि इस तरह की डिटेल्स पत्र में शामिल की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि किसी तरह का बदलाव होने तक राज्य में ड्रग्स का इस्तेमाल जारी रहेगा।
कोरोना वायरस के इलाज के लिए कई सारी मेडिसिन्स के वैज्ञानिक जांच के तहत जारी रहने की बात कहते हुए संजय ने बताया, मरेमडेसिवीर के केस में इसे जल्दी इस्तेमाल करने पर ही प्रभावी पाया गया है। मेडिकल फील्ड के कई लोगों ने भी इसे उपयोगी बताया था। पांच दिनों के कोर्स और नौ दिनों के कोर्स को लेकर मतभेद था। मुझे लगता है कि इलाज में लगे डॉक्टर्स को फैसला लेने देना चाहिए।
भारत में रेमडेसिवीर दवा की प्रत्येक डोज की कीमत 2900 से लेकर 5400 रुपये के बीच की है। इसमें मरीज को 6 डोज की जरूरत होती है। यह दवा बनाने वाली गीलियड साइंसेज ने मई में भारत में प्रॉडक्शन के लिए डॉक्टर रेड्डी, जाइडस, सिप्ला सहित अन्य कंपनियों को लाइसेंस दिया है।