पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्यसेवा परीक्षा के प्रतियोगी छात्रों में गुस्सा है कि महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने 14 मार्च को होने वाली राज्य सेवा पूर्व परीक्षा को रद्द करके आगे ढकेलने का काम किया। पुणे में प्रतियोगी परीक्षा के लिए अध्ययन कर रहे छात्र गुस्से में हैं और सड़कों पर उतर गए हैं। लोक सेवा आयोग के फैसले के विरोध में छात्रों ने धरना दिया। पुलिस ने छात्रों पर हल्का लाठी का प्रयोग किया है
कोरोना का हवाला देते हुए परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं
राज्य में बढ़ते कोरोना रोगियों की पृष्ठभूमि के खिलाफ निर्णय लिया गया है। इसलिए महाराष्ट्र इंजीनियरिंग प्री-परीक्षा के संबंध में लोक सेवा आयोग के परिपत्र में कुछ भी नहीं कहा गया है। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है। राज्य सरकार ने परीक्षाएं स्थगित करने से छात्रों में रोष का माहौल है। छात्रों को मनाने के लिए पुलिस द्वारा प्रयास किए गए। हालांकि छात्रों ने पुलिस की बात नहीं मानी। भाजपा विधायक गोपीचंद पाडलकर आंदोलन में शामिल हो गए हैं। मराठा आरक्षण मुद्दे पर मराठा संगठनों द्वारा उठाए गए आक्रामक रुख के कारण 11 अक्टूबर,2020 को प्री-सर्विस राज्य सेवा परीक्षा स्थगित कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण स्थगित करने के बाद एमपीएससी परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग जोर पकड़ रही थी। उसके बाद एमपीयूसी परीक्षा को स्थगित करने के लिए ठाकरे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था। उस समय मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी छात्र को अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा क्योंकि परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि एमपीएससी परीक्षा की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। उसके बाद, आज परीक्षा की तारीखों की घोषणा की गई जिसके बाद प्रतियोगी छात्र भडक गए और सडकों पर उतरे। पुलिस ने छात्रों को तितर बितर करने के लिए लाठियां भांजी। जिनकी कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण राज्य में समय पर कोई चीज नहीं हो रहा है। कई साल से तैयारी कर रहे उम्मीदवार इन परीक्षाओं का इंतजार कर रहे थे। अनलॉक के तहत सभी लेनदेन सुचारू रूप से चल रहे हैं। इसलिए,इन उम्मीदवारों की मांग थी कि एमपीयूसी की परीक्षा भी जल्द से जल्द आयोजित की जाए।