पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) जिला वार्षिक योजना पुणे मंडल के लिए 2220 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराया गया है। उप मुख्यमंत्री और वित्त और योजना मंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपमुख्यमंत्री पवार ने जिले के विकास के लिए दिए गए इस फंड से गुणवत्तापूर्ण काम करने का भी निर्देश दिया और यह भी ध्यान रखा है कि फंड बर्बाद न हो। वर्ष 2021-22 के लिए पुणे,सतारा,सांगली,सोलापुर और कोल्हापुर जिलों के मसौदा योजना के संबंध में विभागीय आयुक्त कार्यालय के हॉल में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में सोलापुर के पालकमंत्री दत्तात्रेय भरणे, सहकारिता राज्य मंत्री विश्वजीत कदम,वित्त और योजना राज्य मंत्री शंभुराज देसाई,विभागीय आयुक्त सौरभ राव,साथ ही पुणे मंडल के जनप्रतिनिधि,जिला कलेक्टर और अधिकारी शामिल थे।
वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकार ने 520.78 करोड़ रुपये की परिव्यय सीमा बताई । तदनुसार इस सीमा के भीतर जिला वार्षिक योजना को जिला योजना समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था। इस दौरान उप मुख्यमंत्री पवार ने कहा कि जिले की समग्र योजना में 159.22 करोड़ रुपये की वृद्धि की जा रही है और 680 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी जा रही है। सतारा जिला सामान्य के लिए जिला वार्षिक योजना 264.49 करोड़ का परिव्यय बताया गया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री पवार ने 375 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी, जिले की समग्र योजना में 110.51 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। सांगली जिले के लिए जिला वार्षिक योजना रु। 230.83 करोड़ रुपये का परिव्यय बताया गया था। इस दौरान उप मुख्यमंत्री पवार ने जिले की कुल योजना में 320 करोड़ रुपये से 39.17 करोड़ रुपये की वृद्धि की।
सोलापुर जिला सामान्य के लिए जिला वार्षिक योजना 349.87 करोड़ का परिव्यय बताया गया। जिले की कुल योजना में 120.13 करोड़ रुपये जोड़कर 470 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। कोल्हापुर जिला सामान्य के लिए जिला वार्षिक योजना 270.85 करोड़ की परिव्यय सीमा बताई गई। इस दौरान उपमुख्यमंत्री पवार ने 375 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। जिले की समग्र योजना में 104.15 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। पुणे मंडल के लिए जिला वार्षिक योजना जनरल के लिए 1636.82 करोड़ रुपये की परिव्यय सीमा निर्धारित की गई थी। 583.18 करोड़ रुपये से 2220.00 करोड़ रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी जा रही है। उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि कोरोना के कारण वित्तीय संकट के बावजूद जिला वार्षिक योजना के धन में कोई कमी किए बिना इस वर्ष 100 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा स्थानीय विकास निधि,पहाड़ी विकास निधि,सामाजिक न्याय और आदिवासी उप-योजना के लिए धन भी पूरी तरह से वितरित नहीं किया गया है। इसलिए विभागों को उपलब्ध धन को तुरंत खर्च करने का प्रयास करना चाहिए।
जिलों के लिए 50 करोड़ की प्रोत्साहन राशि
नियत समिति के माध्यम से और निर्धारित मानदंडों के अनुसार पुणे मंडल से प्राप्त धन के लिए जिले को 50 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि आई-पास प्रणाली का उपयोग,न्यूनतम अनिर्दिष्ट धन,सामाजिक न्याय के लिए निधियों का पूर्ण उपयोग,आदिवासी उप-योजना निधियों का पूर्ण उपयोग,नवीन योजनाओं को शामिल करना,सतत विकास तत्वों को शामिल करना शामिल हैं। विधान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. निलम गोर्हे ने जिले की वार्षिक योजना की नवीन योजना में और वस्तुओं को शामिल करने का सुझाव दिया। जिला योजना समिति की इस राज्य स्तरीय बैठक में विभिन्न एजेंसियों के प्रमुख उपस्थित थे।