पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के चलते भारी संख्या में प्रवासी मजदुरों का पलायन हुआ। लॉकडाउन शिथिल होने के बाद कंपनियों के सामने लेबर समस्या उठ खडी हुई। हमारी राज्य की आघाडी सरकार ने 70% भूमिपूत्रों को रोजगार दिया। जिसके कारण कंपनियां फिर शुरु हो सकी। ऐसी प्रतिक्रिया शिरुर के सांसद और अभिनेता डॉ.अमोल कोल्हे ने दी।राकांपा शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे,वरिष्ठ नगरसेवक भाऊसाहेब भोईर,पूर्व विरोधीपक्ष नेता नाना काटे,अजित गव्हाणे,विक्रांत लांडे,शाम लांडे,राकांपा महिला अध्यक्षा वैशाली कालभोर,सुलक्षणा शिलवंत,निहाल पानसरे आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
कल शाम कोल्हे का अचानक पिंपरी चिंचवड शहर का दौरा फिक्स हुआ। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवकों और पदाधिकारियों के साथ आगामी पालिका 2022 के चुनाव के संदर्भ में एक बैठक का आयोजन किया गया था। कोल्हे सभी स्थानीय नेताओं से फीडबैक ले रहे थे। इसके बाद पत्रकार परिषद का आयोजन हुआ। जिसमें मनपा में सत्तासीन भाजपा के भ्रष्टाचारों,गलत निर्णयों पर जमकर बरसे। कोल्हे ने आगे कहा कि कंपनियां तो शुरु हो चुकी है मगर मार्केट का अभी चढाव नहीं हो सका। जैसे जैसे मार्केट की रफ्तार बढेगी प्रवासी मजदुरों के पुर्नवापसी पर उन्हें भी रोजगार दिया जाएगा। देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। जिनके हाथ से रोजगार चला गया उनको आघाडी सरकार रोजगार द्ेने का काम करेगी।
किसानों के मुद्द्े पर डॉ. कोल्हे ने कहा कि केंद्र सरकार ने संख्याबल के जोर पर बिना चर्चा कराए कृषि विधेयक बिल पास करा लिया। साथ ही कामगार विरोधी कानून को पास कराके दोनों वर्गों पर घोर अन्याय की। केंद्र की ओर से राज्यों के हिस्से का पैसा भी नहीं दिया जा रहा। जबकि राज्य सरकार अपने दम पर किसानों का कर्ज माफ किया। सवाल है कि महाराष्ट्र का किसान क्या देश का किसान नही है? कुछ कामगार संगठना केंद्र के कामगार नीतियों के विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। एमआयडीसी की स्थापना के समय मुख्य उद्देश्य यही था कि 70% भूमिपूत्रों को रोजगार मिले। लॉकडाउन जैसे जैसे शिथिल होते गया स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता गया।
पिंपरी चिंचवड की राजनीति और मनपा चुनाव का उत्तरदायित्व मिलने के सवाल पर डॉ.कोल्हे गोल गोल जवाब देते हुए कहा कि लोग मुझे नेता कम अभिनेता ज्यादा मानते है। हमारे नेता अजित पवार का ध्यान और प्यार पिंपरी चिंचवड शहर पर टिका है। आज की बैठक तो एक टेलर है पिक्चर अभी बाकी है। पालिका में सत्ताधारी आधी रात को टेंडर पारित कराते है। गलत कामों को मंजूर करके मलिदा खाते है। कोरोना काल में इन गंभीर विषयों की ओर ध्यान नहीं दिया मगर अब उनकी हर मनमानी और गलत निर्णयों पर बारिक नजर रहेगी।