मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर राज्यपाल के अशोभनीय पत्र के बारे में नाराजगी व्यक्त की और शिकायत की है। राज्यपाल अपनी गरिमा को भूलकर मुख्यमंत्री की गरिमा को भी मलिन कर रहे है। राज्यपाल ने जो पत्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र मुख्यमंत्री को नहीं बल्कि एक पार्टी प्रमुख को लिखा गया हो। मंदिर खोलने के संदर्भ में अभी माहौल अनुकुल नहीं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना संभव नहीं होगा। सिर्डी,सिद्धिविनायक जैसे बडी धार्मिक स्थलों में लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते है नियंत्रण करना संभव नहीं। शरद पवार ने प्रधानमंत्री के दो गज की दूरी को भी याद दिलाया और पालन होने की बात कही। राज्यपाल के पत्र में भाषाशैली और भाव कुछ और बयां कर रहे है। शरद पवार ने प्रधानमंत्री को इस बारे में शिकायत की है। मुख्यमंत्री के अधिकारों पर अंकुश लगाने और एक पार्टी विशेष के कहने पर राज्यपाल की गतिविधियां अशोभनीय है।
पत्र के संदर्भ में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नाराजगी व्यक्त की। शरद पवार ने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए दो गज की दूरी यह ब्रिदवाक्य को राज्य में अमल में लाने के लिए जनता में जनजागृति करने का प्रयास महाविकास आघाड़ी सरकार कर रही है। ऐसे में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर व्यक्त की गई राय धक्कादायक और आश्चर्यजनक है। महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर धार्मिक स्थल हैं। सिद्धिविनायक मंदिर,शिरडी के साईबाबा मंदिर,पंढरपुर स्थित विट्ठल रखुमाई मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों में एक दिन भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना संभव नहीं। इसीलिए महाविकास आघाड़ी सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने के बारे में अभी तक निर्णय नहीं लिया है।
संविधान में सेक्युलर यह शब्द धर्मनिरपेक्षता और प्रत्येक धर्म को सुरक्षा देने के लिए इस्तेमाल किया गया है। मुख्यमंत्री पद पर बैठा व्यक्ति उस संविधान का पालन करता है। लेकिन दुर्भाग्य से राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र, यह मुख्यमंत्री को नहीं बल्कि पक्ष के प्रमुख को लिखा गया पत्र होने की बात प्रतीत होती है। इस पत्र के जरिए व्यक्त होने वाला सुर और आशय उचित नहीं इसलिए इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जवाब दिया। मुख्यमंत्री की भूमिका का मैं पूर्ण रूप से समर्थन करता हूं। इस संदर्भ में मैंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से चर्चा नहीं की लेकिन प्रधानमंत्री होने के नाते आपसे मैं इस विषय में नाराजगी व्यक्त कर रहा हूं, ऐसा शरद पवार ने अपने पत्र में लिखा है।