पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कई मराठी फिल्मों में संगीत देने वाले नरेंद्र भिड़े का बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ने से यहां निधन हो गया। उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। वह 47 वर्ष के थे। भिड़े ने उस्ताद मोहम्मद हुसैन खान और छोटा गंधर्व के अलावा अन्य गुरुओं से संगीत की शिक्षा ली थी। उनके परिवार में उनके माता पिता, पत्नी और बच्चे हैं।
सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री रखने वाले संगीतकार नरेंद्र भिडे ने कई नाटकों,धारावाहिकों और मराठी फिल्मों की रचना की है। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत उस्ताद मोहम्मद हुसैन खान साहब,स्वराज छोटा गंधर्व,बालासाहेब मेट,शैला दातार, ुधीर दातार, ुहास दातार और पश्चिमी संगीत हेमंत गोडले से सीखा। नरेंद्र भिडे द्वारा सरसेनापति हमबीरराव (आगामी),मूली पैटर्न,रणभूल,उस रात बारिश हो रही थी,हिप हिप हुर्रे,़फुटपाथ,अनुमति,दिल ए नादान (बायोस्कोप),देउल बंद,धारा 302,साने गुरुजी,शसन सिम्हासन,चौधवी का चाँद। अंधली कोशिंबिर,अघट,शेवरी,रमा माधव,एलिजाबेथ एकादशी,यशवंतराव चव्हाण,हरिश्चंद्र की फैक्ट्री,मलिक,मसाला,समुंद्र,चंद फूल निकेला (हिंदी) के अलावा,उन्होंने कई फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है जिनमें शवास,सरीवार साड़ी,माटी माई सहित कई फिल्में शामिल हैं। तो प्रतिशत किसने दिया,एक बंदर के हाथों में शैम्पेन,आयत त्रिकोण,चिरंजीव बर्फ,चांदनी पर जाएं चोर,छप्पा काटा,आषाढ़ एक दिवस,संगीत गरवनवीरना को भी संगीत दिया जाता है। उनके निधन से संगीत उद्योग में शोक फैल गया है।