रांची(व्हीएसआरएस न्यूज) गंभीर आर्थिक संकट से उबरने के लिए एचईसी ने अपनी जमीन लीज पर देने का निर्णय लिया है। जमीन को लीज पर देने से उसे 300 करोड़ से अधिक की राशि मिलेगी। इस राशि का उपयोग कार्यशील पूंजी के रूप में किया जाएगा, ताकि उत्पादन की रफ्तार बढ़ाई जा सके और समय पर कार्यादेशों की आपूर्ति की जा सके। निदेशक मंडल से इसकी मंजूरी मिल गई है और इसे भारी उद्योग मंत्रालय के पास भेज दिया गया है।
एचईसी ने चार सरकारी संस्थानों को जमीन लीज पर देने का निर्णय लेकर उसे आगे की प्रक्रिया के लिए निदेशक मंडल के पास भेजा था। अभी एनटीपीसी, टीवीएनएल, भारतीय स्टेट बैंक और ओएनजीसी को जमीन देने का निर्णय लिया गया है। सभी को 29 साल के लिए लीज पर जमीन दी जाएगी। प्रति एकड़ 11 करोड़ की दर निर्धारित की गई है। तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड को दो एकड़, ओएनजीसी, भारतीय स्टेट बैंक और एनटीपीसी को 10-10 एकड़ जमीन लीज पर देने का निर्णय लिया गया है।
जानकारी के अनुसार एचईसी से लीज पर जमीन देने के लिए 11 सरकारी कंपनियों ने आवेदन दिया था। शुरू में एचईसी ने जमीन की दर प्रति एकड़ 5.50 करोड़ निर्धारित की थी। लेकिन भारी उद्योग मंत्रालय ने लीज की दर को कम बताया था और उसे बढ़ाने का निर्देश दिया था। बाद में एचईसी ने लीज की दर बढ़ाकर प्रति एकड़ 11 करोड़ रुपये कर मंजूरी के लिए प्रस्ताव भारी उद्योग मंत्रालय को भेजा। मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी। नई दर से सिर्फ चार कंपनियों ने ही जमीन लेने पर सहमति दी है। शेष 11 कंपनियों ने दर अधिक होने के बात कह जमीन लेने से इनकार कर दिया।
1038 एकड़ जमीन है खाली : एचईसी के पास 1038 एकड़ खाली जमीन है। खाली जमीन को लीज पर देकर एचईसी ने कार्यशील पूंजी के साथ-साथ आधुनिकीकरण के लिए पैसा जुटाने की योजना बनायी है। एचईसी के रिवाइवल प्लान में खाली जमीन को नीति आयोग ने पहले ही जोड़ दिया है। जमीन लीज पर देकर मिलने वाली राशि का इस्तेमाल एचईसी सिर्फ अपने पुनरुद्धार के लिए ही कर सकता है। इसी आधार पर एचईसी ने इन चारों संस्थानों को जमीन देने का निर्णय लिया है।