श्रीनगर| व्हीएसआरएस न्यूज: कश्मीर में अपने मंसबूों की नाकामी और आम कश्मीरियों द्वारा नकारे जाने से हताश धर्मांध जिहादी संगठनों ने अब जम्मू प्रांत के धर्मस्थलों का निशाना बनाने की साजिश रची है। इसके लिए वह नए लड़कों को इस्लाम के नाम पर बरगला रहे हैं और उन्हें किसी वारदात की कामयाबी पर मोटी रकम के इनाम का लालच भी दिया जा रहा है। इसका खुलासा हाल ही में जम्मू में पकड़े गए द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) जेके के आतंकी नदीम उल हक ने की है। उसे बीते शनिवार को जम्मू के बाहरी क्षेत्र नरवाल में एक शापिंग मॉल के पास से गिरफ्तार किया गया था। टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा का हिट स्क्वाॅड भी कहा जाता है।
उमर खालिद और रिहान ने जम्मू में बम धमाकों का जिम्मा सौंपा था
हालांकि आतंकी संगठनों द्वारा रची जा रही साजिश के मद्देनजर जम्मू प्रांत में सभी प्रमुख धर्मस्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। उल्लेखनीय है कि जम्मू के विश्वविख्यात रघुनाथ मंदिर पर पहले भी दोबार आतंकी हमला कर चुके हैं। नदीम काे पाकिस्तान में बैठे टीआरएफ कमांडर उमर खालिद और रिहान ने जम्मू में बम धमाकों का जिम्मा सौंपा था। अगर वह निर्धारित जगह पर आइईडी धमाके में कामयाब रहता तो उसे न सिर्फ टीआरएफ में कमांडर का दर्जा दिया जाता बल्कि दो लाख रुपये का नकद इनाम भी मिलता। वह व्हाट्सएप और इंटरनेट मीडिया के जरिए कश्मीर में और गुलाम कश्मीर बैठे आतंकी कमांडरों के साथ लगातार संपर्क में था।
नए मंसूबो को पूरा करने क लिए नए लड़कों का इस्तेमाल कर रही है
श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बनिहाल के रहनेे वाले नदीम के पूछताछ की रही सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और आतंकी संगठनों का प्रयास है कि किसी भी तरह से जम्मू-कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा फैलाई जाए। वह यहां सांप्रदायिक हिंसा और धार्मिक उन्माद फैलाने पर तुले हुए हैं। इसके लिए वह हर तरीका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा यह भी पता चलाा है कि आतंकी संगठन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपने नए मंसूबो को पूरा करने क लिए नए लड़कों का इस्तेमाल कर रही है।
उनका मकसद है कि जम्मू में गैर मुस्लिम समुदाय से संबधित धर्मस्थलों को विशेषकर जहां खूब भीड़ होती है, पर हमला किया जाए या फिर वहां पर किसी बड़े बम धमाके को अंजाम दिया जाए। इससे न सिर्फ आम लाेगाें में डर पैदा होगा बल्कि सांप्रदायिक हिंसा भी भड़केगी। यह हिंसा देश क अन्य भागों में भी फैलेगी। इससे जम्मू-कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में इस्लामिक कट्टरपंथी तत्वों और जिहादी संगठनाें को अपना नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी।
नदीम को जम्मू में हमला करने के लिए बनिहाल से बुलाया गया था
उन्हाेंने बताया कि नदीम को जम्मू में हमला करने के लिए बनिहाल से बुलाया गया था। उसे टीआरएफ कमांडर उमर खालिद और रेहान ने जम्मू में कुछ धर्मस्थलों को निशाना बनाने का जिम्मा दिया था। उमर खालिद वाट्सएप पर उसके साथ लगातार संपर्क में था। उसनेे ही उसे जम्मू में एक संपर्क सूत्र के बारे में जानकारी दी थी। नदीम को यह संपर्क सूत्र जिसका नाम तथाकथित तौर पर इरफान बताया जाता है।
इरफान ने उसे पूरी साजिश के बारे में समझाया था। इसकेे बाद नदीम को उमर खालिद ने ही व्हाट्सएप पर उस जगह की जानकारी दी, जहां आइईडी को रख गया था। इस जानकारी के आधार पर नदीम जम्मू के बाहरी क्षेत्र भठींडी में मक्का मस्जिद के पास पहुंचा था, जहां उसने आइईडी का बताई गई जगह से लिया। इसके बाद उमर खालिद ने उसे व्हाट्सएप पर आइईडी को असेंबल करने का तरीका बताया था। इसी दौरान इरफान उससे दोबारा मिला और जब वह वहां से आइईडी लेकर जम्मू शहर के एक इलाके विशेष की तरफ जा रहा था तो पकड़ा गया।
इस बारे मे संबंधित अधिकारियों ने बताया कि नदीम उल हक न सिर्फ पाकिस्तान में बल्कि कश्मीर और बनिहाल के आस-पास के इलाकों में भी सक्रिय कई आतंकियाें के कई ओवरग्राऊंड वर्करों के साथ लगातार संपर्क में था। उसने कई अहम जानकारियां दी हैं। उन्होंने बताया कि नदीम उल हक को जब पहले जम्मू पहुंचने के लिए कहा गया था ता उसने मना कर दिया था। इसके बाद रिहान ने करीब करीब एक घंटे तक उससे व्हाट्सएप पर बातचीत की और उसे जिहाद व इस्लाम का वास्ता देकर तैयार किया ।
जब वह राजी हुआ तो उसे कहा गया था कि वह उमर खालिद से बात करे और अगली सुबह वह जम्मू पहुंच गया और शाम का पकड़ा गया। उसी रात जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमला हाेता है उसमें भी कहीं न कहीं लश्कर-ए-तैयबा का हाथ नजर आता है। इसलिए यह भी लगता है कि आतंकी संगठन जम्मू में सिलसिलेवार आतंकी वारदातों को अंजाम देना चाहते थे।