नई दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: दुनिया भर के देश आज यानी शनिवार (5 जून) को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मना रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व केंद्रीय पेट्रोलियम परिवहन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम का आयोजन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय व पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने संयुक्त रूप से किया। इस वर्ष के आयोजन का विषय ‘बेहतर पर्यावरण के लिए जैव ईंधन को बढ़ावा’ देना रहा।
एथेनॉल क्षेत्र के विकास के लिए रोडमैप जारी
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारत ने एथेनॉल क्षेत्र के विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप जारी किया है, जो कि एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर पीएम ने पुणे में तीन स्थानों पर ई 100 के वितरण स्टेशनों की एक पायलट परियोजना का भी शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि 7-8 साल पहले भारत में एथेनॉल पर चर्चा दुर्लभ थी, लेकिन अब एथेनॉल भारत की 21वीं सदी की प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। यह पर्यावरण के साथ-साथ किसानों के जीवन की भी मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसद एथेनॉल ब्लेंडिंग को पूरा करने का संकल्प लिया है| कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘वर्ष 2013-14 में जहां देश में 38 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदा जाता था, वह अब आठ गुना से भी ज्यादा बढ़कर करीब 320 करोड़ लीटर हो गया है।
पिछले साल पेट्रोलियम कंपनियों ने 21 हजार करोड़ रुपये का एथेनॉल खरीदा और इसका बड़ा हिस्सा देश के किसानों, विशेष कर गन्ना किसानों को गया और उन्हें इससे बहुत लाभ हुआ।’ बता दें, गन्ने और गेहूं व टूटे चावल जैसे खराब हो चुके खाद्यान्न तथा कृषि अवशेषों से एथेनॉल निकाला जाता है। इससे प्रदूषण भी कम होता है और किसानों को आमदनी का एक विकल्प भी मिलता है।
दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश कर रहा भारत
वही प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जलवायु परिवर्तन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जब पर्यावरण की रक्षा की बात हो तो यह जरूरी नहीं कि विकास कार्यों को अवरुद्ध किया जाए और इस मामले में भारत दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों एक साथ चल सकती हैं, आगे बढ़ सकती हैं। भारत ने यही रास्ता चुना है।’
आपको बताते चले की विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए भारत सरकार ई -20 अधिसूचना जारी कर रही है जिसमें तेल कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 से 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने का निर्देश दिया गया है। इन प्रयासों से देश भर में मिश्रित ईंधन उपलब्ध कराने के लिए समयसीमा प्रदान की जाएगी। यह वर्ष 2025 से पहले इथेनॉल उत्पादक राज्यों और आसपास के क्षेत्रों में इथेनॉल की खपत को बढ़ाने में भी मदद करेगा।