दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: आज गुरुवार को मध्य पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के एक जुलूस में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है और 50 लोग घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों और एक शिया नेता ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, मध्य पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के जुलूस के बीच ये धमाका हुआ। स्थानीय पुलिस ने धमाके में तीन लोगों के मरने की जानकारी दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से धमाके के बाद घायल लोग सड़क किनारे बैठकर मदद के लिए इंतजार कर रहे हैं।
बम धमाके की हुई पुष्टि
वही एक पुलिस अधिकारी मोहम्मद असद और शिया नेता खावर शफाकत ने बम धमाकों की पुष्टि की है. चश्मदीदों के मुताबिक, शहर में तनाव बढ़ गया है। शिया समुदाय के लोग हमले के बाद बदला लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं, शिया नेता खावर ने बताया कि यह हमला उस वक्त हुआ, जब शिया समुदाय का जुलूस भीड़भाड़ वाले इलाके मुजाहिर कॉलोनी से निकल रहा था। उन्होंने इस हमले की निंदा की है।
खावर ने ऐसे जुलूसों में सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है। इस इलाके की मोबाइल सेवाएं पहले से ही बंद हैं। पाकिस्तान में शियाओं के अशौरा उत्सव को देखते हुए एक दिन पहले से ही फोन सेवा बंद कर दी गई थीं।
हुसैन की मौत का शोक मनाते हैं शिया समुदाय के लोग
पूरे देश में मुहर्रम की 10वीं यौम-ए-अशूर मनाया जा रहा है। पैगंबर मुहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन की 7वीं शताब्दी में मौत हुई थी। हर साल शिया समुदाय के लोग हुसैन की मृत्यु का शोक मनाते हैं। कई लोग मौजूदा इराक में स्थित करबला में युद्ध में हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए शिया मुस्लिम मातम मनाते हैं।
ग्रेनेड हमले में हुई थी 10 लोगों की मौत
आपको बताते चले की इससे पहले पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पिछले शनिवार को कराची में ग्रेनेड हमला हुआ था। यह ग्रेनेड हमला कराची शहर के बलदिया टाउन के मावाच गोथ इलाके के पास एक ट्रक पर किया गया। इस हमले में चार बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। ग्रेनेड वाहन के फर्श पर गिरने से पहले ही फट गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार थे।
शिया मुसलमानों के खिलाफ आंदोलन
पिछले एक साल से पाकिस्तान में शिया मुस्लिमों के खिलाफ न सिर्फ हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं बल्कि आंदोलन तक खड़े हो गए। पिछले साल सितंबर में कराची में हजारों लोग शिया-विरोधी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए थे। यहां तक कि देश में दंगों की आशंका पैदा होने लगी थी। सोशल मीडिया पर भी लोग पोस्ट, फोटो और वीडियो शेयर किए जाते रहे।