दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: दिसंबर से देश में खुदरा खाद्य तेल की कीमतें नई फसल आने और वैश्विक कीमतों में संभावित गिरावट के साथ नरम होनी शुरू हो जाएंगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि भारत अपनी जरूरत के 60 प्रतिशत खाद्य तेलों का आयात करता हैं। वैश्विक घटनाक्रम के चलते देश में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें पिछले एक वर्ष में 64 प्रतिशत तक बढ़ गई।
इस बारे मे श्री पांडे ने कहा, ‘‘वायदा बाजार में दिसंबर महीने में डिलीवरी वाले में गिरावट के रुझान को देखते हुए, ऐसा लग रहा है कि खुदरा कीमतों में गिरावट शुरू हो जाएगी। लेकिन, इसमें कोई नाटकीय गिरावट नहीं होगी क्योंकि वैश्विक दबाव तो बना रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि नई फसलों की आवक और वैश्विक कीमतों में संभावित गिरावट से खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में नरमी आने में मदद मिलेगी।
घरेलू बाजार में खाद्य तेलों में तेज बढ़ोतरी की वजह बताते हुए सचिव ने कहा कि एक प्रमुख कारण यह है कि कई देश अपने खुद के संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए जैव ईंधन नीति को आक्रमक ढंग से आगे बढ़ा रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतें बढ़ी हैं।
आगे उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, मलेशिया और इंडोनेशिया, जो भारत को पामतेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश हैं, अपनी जैव ईंधन नीति के लिए पामतेल का उपयोग कर रहे हैं। इसी तरह अमेरिका भी सोयाबीन का जैव ईंधन बनाने में इस्तेमाल कर रहा है।