मीरगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज में लंबे समय से बंद पड़े डिस्टलरी को बियाडा के द्वारा अधिग्रहित करने का काम फिलहाल ठप पड़ गया है। रविवार को डिस्टलरी के करीब 50 पुर्व कर्मी कार्यस्थल पर पहुंच गए और वहां पर चल रहे जेसीबी से तोड़फोड़ का काम रोक दिया।
कर्मियों का कहना था कि शराब मिल के जिम्मे उनका मोटा रकम बर्षो से बकाया पड़ा हुआ है और उसको भुगतान करने के संबंध में फिलहाल कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है,उल्टे मिल परिसर को घेराबंदी कर अधिग्रहण करने का काम किया जा रहा है। इसके बाद हम लोग कहां जाएंगे और किसी से इंसाफ मांगेंगे?
आक्रोशित कर्मियों का रुख देखकर शराब मिल परिसर में आपदा अफरा-तफरी मच गई और काम करा रहे ठेकेदार ने काम कराना बंद कर दिया। डिस्टलरी के कर्मी राजकुमार के नेतृत्व में मौजूद 7 से ज्यादा लोगों ने नारेबाजी भी की और सरकार से इंसाफ देने की आवाज बुलंद की। मौके पर मौजूद डिस्टलरी कर्मी नंद जी चौधरी ने बताया कि शराब मिल के जिम्मे उनका लाखों रुपया बकाया है और अभी तक उनके जैसे कई कर्मियों का बकाया डिस्टलरी के जिम्मे है।
इस बारे मे कई बार संबंधित पदाधिकारियों से इस बारे में गुजारिश की गई लेकिन आज तक उनका भुगतान संभव नहीं हो सका है। मामला अभी पटना उच्च न्यायालय में चल रहा है बावजूद इसके इस तरह की कार्रवाई लोगों के समझ से बाहर है।
पूर्व कर्मचारियों के सामने अस्तित्व का है संकट:
डिस्टलरी के पूर्व कर्मियों ने बताया कि डिस्टलरी के बंद होने के बाद लंबे समय से भुगतान के लिए लड़ाई उनकी जारी है पर अब तक उनके हाथ में कुछ नहीं मिल सका जबकि वहीं पर बंद पड़े शुगर मिल के कर्मियों का भुगतान कर दिया गया। ऐसे में उनके लिए अब अस्तित्व का सवाल है, कई कर्मी पैसा ना होने के कारण भूख और दवा के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। और जल्दी कुछ नहीं हुआ तो शेष कर्मी भी दम तोड़ देंगे।
इस बीच काम करा रहे ठेकेदार के सुपरवाइजर ने कहा कि यदि उनके काम रोक देने से उनका कल्याण होता है तो वे काम को रोक देंगे। उनको सक्षम पदाधिकारी के पास जाना चाहिए ताकि उनकी बात आगे बढ़ सके।