हथुआ।व्हीएसआरएस संवाददाता: सरकार की महत्वकांक्षी योजना की कैसे बंदरबांट हुई है। इसको यदि देखना हो तो बरवा कपरपुरा पंचायत के वार्ड 13 में देखा जा सकता है। जहां नल जल योजना की दस लाख रुपया की राशि खर्च होने के बाद भी नल से जल नहीं टपका। इसको लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर बवाल मचाया। ग्रामीणों ने पहले वार्ड सदस्य पिंकी देवी से बात किया फिर बात नहीं बनने पर गांव में ही बवाल मचाया।
ग्रामीण छोटेलाल यादव, राजा यादव, सोनल यादव, बुलेट यादव, कुंती देवी, मैना देवी, कृष्णा चौधरी, सुमन यादव, सनोज कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि जब से नल जल के लिए पाईप लगाया गया है तब से लेकर आज तक सुचारू रूप से सप्लाई नहीं दी गई है। इसमें वार्ड सहित निगरानी समिति व ग्राम सेवक की मिली भगत से इसको अधूरा छोड़ दी गई है। कई बार स्थानीय बीड़ीओ को लिखित आवेदन दिया गया लेकिन एक न सुनी गई।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस योजना की बंदरबांट में स्थानीय स्तर के अधिकारी भी है। इधर ग्रामीणों को कुछ बुद्धिजीवी समाज के लोगों द्वारा समझा बुझा कर मामले को शांत किया। इस सम्बन्ध में बीड़ीओ राकेश कुमार सिंह से बात करने पर बताया कि उक्त वार्ड हथुआ नगर पंचायत में चला गया है।
हमारे तरफ़ से मरम्मती कार्य नहीं किया जा सकेगा। वहीं मीरगंज के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ अजीत कुमार शर्मा से जानकारी ली गई तो इन्होंने कहा कि इस योजना की मरम्मती के लिए न तो आदेश मिला है और नहीं राशि। अब इन दोनों अधिकारियों की जानकारी से स्पष्ट होता है कि इसकी देखरेख करने वाला कोई रहनुमा नहीं है।
इधर जब ग्रामसेवक रामशंकर राम से बात कि है तो इन्होंने कहा कि यह योजना मेरे समय में पूर्ण नहीं हुई है। अब देखना यह है कि क्या इसकी मरम्मती हो पाती है या सरकारी खजाना को लूट कर नौ दो ग्यारह हुए ठिकेदार गिरफत में आते है या नहीं यह कहना बहुत मुश्किल है।
वैसे आज भी पाईप सड़क के किनारे उखड़े पड़े है। मोटर खराब हो चुका है। नल की टोटी भी अपना जवाब दे चुकी है। ऐसे में देखना है कि सुशासन में नल से जल मिलता है या वार्डवासियों को अभी और फजीहत झेलनी पड़ेगी। यह आने वाला समय ही बताएगा। क्योंकि एक दूसरे की जवाब देही तय कर अपना पल्ला झाड़ते जबान देह रहनुमा नजर आने लगे है।