मीरगंज| व्हीएसआरएस संवाददाता: वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। इस लहर में सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित होने का खतरा बताया गया है। हालांकि, बच्चों में कोरोना संबंधित फिलहाल कोई केस नहीं आया है लेकिन एक सप्ताह से बच्चो में वायरल बुखार की शिकायतें ज्यादा मिल रहीं हैं।
आज गुरुवार को व्हीएसआरएस ने मीरगंज शहर स्थित प्राइवेट क्लिनिकों की जब पड़ताल की तो वायरल फीवर की सच्चाई सामने आयी | सिर्फ हम प्राइवेट क्लिनिक की बात करें तो औसतन 90 से 100 बच्चें हर दिन इलाज के लिए पहुंंच रहें है, इसमें से 90 फीसदी बच्चों में वायरल फीवर का लक्षण मिल रहा है। पिछले दो दिनों में शहर के विभिन्न क्लिनिकों में बुखार से पीड़ित करीब तीन सौ बच्चें इलाज के लिए पहुंचे है|
इस बारे मे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रभु प्रसाद का कहना है कि मौसम में आए बदलाव के कारण बच्चों में वायरल बुखार की संभावना बढ़ गई है। इसकी वजह बच्चों का खान-पान भी हो सकता है। मीरगंज शहर में लगभग आधा दर्जन क्लीनिक में शिशु रोग विशेषज्ञ बच्चों का इलाज करते है, यहां भी वायरल फीवर से संबधित बीमार बच्चे पहुंच रहें है। पिछले एक सप्ताह में करीब तीन सौ बच्चों में वायरल फीवर के मामले मिले है। डॉ प्रभु बताते है कि इस समय विशेष सावधानी की जरूरत है।बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दें|
सर्दी-खांसी हो तो बच्चों से रहें दूर: मीरगंज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रामानंद यादव ने बताया कि बच्चों में वायरल बुखार तेजी से बढ़ रहा है। 100 में 60 बच्चें वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं। बच्चें के माता-पिता या किसी सदस्य को वायरल फीवर, सर्दी, खांसी है तो कुछ दिन बच्चें से दूर रहने की जरूरत है। साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखने की जरूरत है। अस्पताल में आने वाले बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। ज्यादातर लोग धूप से आने के बाद फ्रीज में रखे पानी पीते हैं, यह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। रात में एंटी एलर्जी की दवा का सेवन करना जरूरी है।
वायरल बुखार का लक्षण: बच्चों में वायरल बुखार का मुख्य लक्षण सर्दी, गले में दर्द, चिड़चिड़ापन, खांसी, तेज बुखार, शरीर में ऐंठन होना मुख्य है। अभी जितने भी बच्चें शहर में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, सभी में लगभग इस तरह की शिकायतें देखने को मिल रही है।
शहरी व ग्रामीण इलाकों से आ रहे बीमार बच्चें : आपको बताते चले कि वायरल फीवर की चपेट में शहर से लेकर गांव तक के बच्चें आ रहे है| इसका प्रमुख कारण मौसम में बदलाव माना जा रहा है| डॉक्टरों की मानें तो यह केवल वायरल बीमारी है जो मौसम के बदलाव के साथ शुरू होता है जो बाद में कम होने लगता है| ग्रामीण व शहरी इलाकों में जहां पहले जलजमाव लगा रहा हो, वैसे स्थान पर वायरल जनित बीमारियों के होने की आशंका अधिक रहती है| ऐसे स्थान पर जाने से बचना चाहिए|