बैकुंठपुर। व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड के बाढ़ प्रभावित 16 गांवों में 12 गांव में बाढ़ का पानी उतर गया है। चार गांव अभी भी टापू बने हुए हैं। शीतलपुर, पकहां, सलेमपुर तथा प्यारेपुर में बाढ़ का पानी घरों में बह रहा है। अन्य गांवों से पानी उतरने के बाद कई समस्याएं बरकरार है। जिन गांव से बाढ़ का पानी उतर गया है। वहां आवागमन का संकट बरकरार हो गया है। एक सप्ताह तक घरों में बाढ़ का पानी बहने के बाद अब संपत्ति के नाम पर लोगों के पास कुछ भी नहीं बच पाया है।
बाढ़ पीड़ित परिवारों का कहना है कि एक साल तक खाने पीने के लिए घर में अनाज की व्यवस्था करके रखे थे। एक सप्ताह तक विनाशकारी बाढ़ का तांडव उनके घरों में बरकरार रहा। ऐसे में साल भर की कमाई बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। अब बाकी दिन मेहनत मजदूरी या फिर अन्य जीविकोपार्जन के सहारे गुजारनी पड़ेगी। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जल जनित बीमारियां भी तेजी से पांव पसार रही है। खुजली, दिनाय, वायरल फीवर, सर्दी, खांसी, जुकाम सहित अन्य बीमारियों से लोग तेजी से पीड़ित हो रहे हैं।
अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में सबसे अधिक जल जनित बीमारी वाले मरीज शामिल हैं। सरकारी स्तर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी उतरने के बाद संक्रमण से बचाव के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। जिससे ग्रामीण समस्याओं के मकड़जाल में उलझ कर रह गए हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा चापाकल में हैलोजन की टिकिया भी नहीं डाली गई है। जिससे दूषित पानी पीने के लिए बाढ़ पीड़ित मजबूर हैं।
बाढ़ से तीन पुलिया व 23 सड़कें क्षतिग्रस्त
बैकुंठपुर। इस वर्ष 15 जून से अब तक चार बार आई बाढ़ से तीन पुलिया एवं 23 सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है। सड़कें क्षतिग्रस्त रहने के कारण बाढ़ पीड़ितों को प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी की तेज दबाव के कारण पकहां गांव में 20 जून को पुलिया ध्वस्त हो गया था। सड़क बाढ़ के तेज धार में बहने के कारण यहां के डेढ़ हजार की आबादी अभी भी गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा ले रही है।
महारानी गांव में लाखों रुपए की लागत से बनी पीसीसी सड़क बाढ़ की तेज धार में टुट हो गई है। प्यारेपुर बिन टोली में बाढ़ की वजह से लिंक सड़क बदहाल हो गई है। शीतलपुर व सलेमपुर गांवों में भी सड़क की स्थिति बदतर हो गई है। सड़कों की बदहाली की वजह से कई परिवार अभी भी तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं।