मांझागढ़ । व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखण्ड के गौसियां , जगरनाथा व मधुसरेया पंचायत की हजारों एकड़ फसल बाढ़ का पानी जमा होने से बर्बाद हो रही है ।
ज्ञात हो कि दियारा क्षेत्र में बाढ़ का पानी आने के बाद गौसियां व पैठानपट्टी का स्लुइस गेट बंद कर दिया जाता है । जिसके कारण स्लुइस गेट बंद होने से उसमें से पानी रिसकर गौसियां के डुमरिया , जगरनाथा के सहलादपुर व मधुसरेया के मालिकाना व पैठानपट्टी में जमा हो जाता है । पानी जमा होने के कारण हजारों एकड़ फसल उसमें डूब जाती है ।
इस दौरान जमा पानी के निकासी की कोई व्यवस्था नहीं रहती है । जिससे हजारों एकड़ में लगी ईंख व धान की फसल डूब जाती है । इस बार भी फसल डूबने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है । किसान उमेश सिंह का कहना है कि उनकी कमाई का एकमात्र जरिया खेती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से बाढ़ का पानी जमा होने के बाद वे लोग बर्बाद हो चुके है ।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को इसकी कई बार सूचना दी गई है लेकिन उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है । इस समस्या का एकमात्र निदान सलुइस गेट को खोल देना है । किसानों का कहना है कि बाढ़ का पानी आते ही सलूइस गेट को बन्द कर दिया जाता है ।
वहीं पानी कम होते ही सलूइस गेट को खोल दिया जाता है ताकि पानी गंडक नदी में वापस चला जाता है । लेकिन पिछले कुछ वर्षों से देर से गेट खोलने की वजह से किसानों को व्यापक पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है । अब किसानों के पास भुखमरी के शिवाय अन्य कोई रास्ता नहीं है ।
गौसियां के पूर्व मुखिया राधारमण मिश्रा ने बताया कि स्लुइस गेट बंद होने की वजह से किसानों की हजारों एकड़ फसल की बर्बादी हो रही है । अगर समय से गेट खोल दिया जाता है तो किसानों को इसका लाभ मिलेगा । धान व ईंख की फसल बर्बाद हुई है । गेट खुलने से ससमय गेंहू की खेती हो सकती है ।