बैकुंठपुर। व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के गनांचल में इस वर्ष गन्ने की पैदावार में कमी से चीनी उत्पादन पर असर पड़ रहा है। चीनी के उत्पादन में 60 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है। बाढ़ व बारिश की वजह से गन्ने की फसल लगातार दूसरे वर्ष बर्बाद हो गई है। इसका नतीजा किसान तो भुगत ही रहे हैं। चीनी के उत्पादन में भी 60 प्रतिशत तक गिरावट आई है। पेराई सत्र 2019-20 में भारत सुगर मिल्स सिधवलिया में 6 लाख 25 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया था। वर्ष 2020-21 में पौने चार लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया था। इस वर्ष ढाई लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद नहीं है। 2019-20 में 65 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन किसानों ने किया था। जिसके बदौलत मार्च महीने के अंत तक शुगर मिल में पेराई सत्र संचालित हुई। इस वर्ष जनवरी में हीं मिल की पेराई सत्र संपन्न होने की आशंका जताई जा रही है। मिल के आरक्षित क्षेत्र में किसानों के पास और सिर्फ बीज लायक गन्ने बच पाए हैं। जिससे मिल का संचालन दस से बारह दिन तक हो पाएगा। गन्ने की आपूर्ति कम होने के कारण मिल में नो केन समस्या उत्पन्न हो रही है। भारत सुगर मिल्स सिधवलिया में प्रतिदिन गन्ने की पेराई क्षमता 65 हजार क्विंटल है। वर्तमान समय में महज 40 से 42 हजार क्विंटल गन्ने की आपूर्ति हो रही है। ऐसे में स्पीड कम कर फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है।
बिजली उत्पादन पर भी पड़ेगा असर
बैकुंठपुर। भारत सुगर मिल्स सिधवलिया में इस वर्ष समय से दो महीने पहले मिल का पेराई सत्र संपन्न होने की आशंका को लेकर बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। 2020 में 30 अप्रैल तक 18 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया था। 2021 में 15 फरवरी तक बिजली तैयार की गई थी। यहां से 16 मेगावाट बिजली प्रति घंटे सिधवलिया शुगर फैक्ट्री से पावर ग्रिड को सप्लाई की जाती है। इस वर्ष बगास की कमी और नो केन की समस्या को लेकर बिजली का उत्पादन भी फरवरी के पहले सप्ताह में बंद हो जाएगी। पावर प्लांट बंद होने से मिल प्रबंधन को करोड़ों का नुकसान होगा।
सात सौ से अधिक कर्मी होंगे बेरोजगार
बैकुंठपुर। भारत सूगर मिल्स सिधवलिया में इस वर्ष गन्ने की पेराई सत्र 56 दिन संचालित हो चुके हैं। गन्ने की कमी के कारण महज दस से बारह दिन ही पेराई सत्र चल पाएगा। जबकि अन्य वर्ष चार से साढ़े चार महीने तक मिल में पेराई सत्र होता था। इस वर्ष दो महीने की अवधि पहले ही पेराई सत्र संपन्न होने से सात सौ से अधिक कर्मी बेरोजगार होंगे।सीजन ऑफ होने के बाद मिल कर्मी रोजगार के लिए अन्य काम की तलाश करने लगते हैं।
बाढ़ व बारिश ने किसानों की बढ़ाई मुश्किलें
बैकुंठपुर। जिले के पूर्वांचल में बाढ़ और बारिश ने गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। भारत सुगर मिल्स सिधवलिया के आरक्षित क्षेत्र में 20900 एकड़ में गन्ने की खेती की गई थी। 90 प्रतिशत फसल बाढ़ व बारिश से पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। 6 प्रतिशत गन्ने की फसल बीज के लिए उपयोग किया जाना है। चार प्रतिशत फसल किसान मिल में भेज रहे हैं। इसके अलावा पूर्वी चंपारण के केसरिया, मधुबन, सुगौली, अरेराज, संग्रामपुर, कोटवा, मुजफ्फरपुर के साहेबगंज, मोतीपुर, सारण जिले के मसरख, इसुआपुर, पन्नापुर सिवान जिले के बसंतपुर, लकड़ी नवीगंज, गोरयाकोठी सहित अन्य इलाकों से गन्ने की आपूर्ति भारत सूगर मिल्स सिधवलिया में हो रही है।
वर्जन
बाढ़ व बारिश ने किसानों के साथ मिल प्रबंधन को भी आर्थिक तंगी में डाल दिया है। इस वर्ष कम उत्पादन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। फसल बर्बाद होने से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। मिल प्रबंधन भी नो-केन की समस्या से त्रस्त है।
शशि केडिया, जीएम, सिधवलिया चीनी मिल