मीरगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता : प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे मीरगंज शहर में लिंग परीक्षण का गोरखधंधा चल रहा है। इसके लिए बाकायदा एजेंट सक्रिय हैं। महज पांच से दस हजार रुपये में लिंग की जांच कराकर पता लगाया जा सकता है कि कोख में पल रहा लड़का है या लड़की। खास बात ये है कि शहर में लिंग परीक्षण ज्यादातर बाहरी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का कराया जा रहा है। ताकि, शहर में इस खेल का ‘शोर’ सुनाई न हो।
मीरगंज शहर में करीब डेढ़ दर्जन अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं। इनमें से कम से कम पांच सेंटरों में लिंग परीक्षण का खेल चल रहा है। ठेका लेकर दूरदराज के लोगों को लिंग परीक्षण के लिए शहर लाया जाता है। यहां ‘ग्राहक’ की एजेंट से मुलाकात कराई जाती है। इसके बाद एजेंट ‘ग्राहक’ को अपने सेटिंग वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर पर ले जाता है।
इस गोरखधंधा में लिप्त सेंटर दूसरी अल्ट्रासाउंड मशीन भी रखे रहते हैं जिससे लिंग परीक्षण किया जाता है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के ढुलमुल रवैये की वजह से यह धंधा फल-फूल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण इन सेंटरों को कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
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जांच के बाद शहर के कई सेंटर है बंद :
मंगलवार को मीरगंज शहर में हथुआ एसडीओ के नेतृत्व में चले जांच अभियान से अल्ट्रासॉउन्ड संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है| जांच का असर दूसरे दिन बुधवार को भी दिखा| कई सेंटर बंद पाए गए| प्रशासन के सख्त रवैये के कारण संचालक डर गए है और अभी सेंटर खोलना नहीं चाहते| हालांकि, हथुआ एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि कई संचालकों से जरूरी कागजात मांगे गए है| कागज नहीं उपलब्ध कराने पर कार्रवाई की जाएगी|
जांच में हुए कई खुलासे :
अल्ट्रासॉउन्ड सेंटरों पर जांच के बाद कई गड़बड़ी पायी गई| कई केंद्रों पर तैनात एमबीबीएस डॉक्टर नहीं पाए गए जबकि कई पर वैध कागजात नहीं थे| इन सभी पर स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है|