बैकुंठपुर। व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के बैकुंठपुर प्रखंड में बाढ़ का पानी उतरने के बाद 14 गांवों के करीब पन्द्रह हजार की आबादी अब आवागमन की गंभीर समस्या से जूझ रही है। जिन इलाकों से बाढ़ का पानी उतर चुका है उनमें तबाही अभी भी बरकरार है। दस दिनों तक जमींदारी बांध पर शरण ले रहे बाढ़ विस्थापित परिवार अब अपने घर लौटने लगे हैं। लेकिन घर से तटबंध या मुख्य सड़क पर आने के लिए बदहाल सड़क से गुजरना पड़ रहा है। कई सड़क बाढ़ के तेज धार में टूट गए हैं। जिन पर जलजमाव की स्थिति बरकरार है। जलजमाव के कारण टूटे सड़क पर हादसे की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों के समक्ष समस्या यह है कि पहले बाढ़ के पानी के बीच नाव से आवागमन कर रहे थे। लेकिन अब पानी उतरने के बाद सड़क बदहाल होने से त्रस्त हैं।
राजापट्टी-सत्तरघाट एप्रोच रोड से होकर पकहां गांव तक जाने वाली पक्की सड़क पर बने दो पुलिया ध्वस्त हो गए हैं। सड़क पर 5 से 6 फीट गड्ढे हो गए हैं। इससे दो हजार की आबादी को आवागमन में परेशानी हो रही है। अभी भी ग्रामीणों को संपर्क पथ पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। छोटे बच्चों के डूबने की आशंका को लेकर ग्रामीण हमेशा सशंकित नजर आ रहे हैं। जमीदारी बांध से सीतलपुर गांव तक जाने वाली सड़क बदहाल होने के कारण एक से अधिक की आबादी आवागमन का संकट झेल रही है। बाढ़ से बदहाल सड़कों की मरम्मत को लेकर अब तक प्रशासनिक स्तर पर कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। जिससे ग्रामीणों की समस्या फिलहाल कम होने की उम्मीद नहीं है।
बाढ़ से 25 सड़कें व तीन पुलिया हुई बदहाल
बैकुंठपुर। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 15 जून के बाद से अब तक चार बार बाढ़ का पानी बहने की वजह से 25 सड़कें बदहाल हो गई है। बांसघाट मसूरिया पंचायत से लेकर प्यारेपुर पंचायत तक और 38 सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा था। जिनमें 25 सड़कें बदहाल हो गई है। पकहां गांव के समीप पुलिया बाढ़ के तेज धार में ध्वस्त हो गया है। प्यारेपुर गांव में भी एक पुलिया बाढ़ से ध्वस्त होने की सूचना है। बाढ़ प्रभावित इलाकों के 12 सड़कों पर अभी भी बाढ़ का पानी बह रहा है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
बाढ़ के तेज धार में 50 झोपड़ियां हुई ध्वस्त
बैकुंठपुर। प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी उतरने के बाद तबाही का आलम देखा जा रहा है। 16 गांवों में 50 से अधिक झोपड़ी नुमा घर बाढ़ के तेज धार में ध्वस्त हो चुके हैं। सरकारी अफसर पर बाढ़ के दौरान ध्वस्त हुए घरों की क्षतिपूर्ति मुआवजे के लिए अब तक सर्वे का कार्य शुरू नहीं किया गया है। इससे बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश देखा जा रहा है। पिछले वर्ष भी बाढ़ के दौरान दो हजार से अधिक घर ध्वस्त हुए थे। जिनमें अब तक महज दो सौ लोगों को ही मुआवजा का वितरण किया गया है। अन्य लोग आज भी मुआवजे के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
तीन सौ परिवार अभी भी हैं तटबंध पर विस्थापित
बैकुंठपुर। प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में तीन सौ से अधिक की आबादी अभी भी तटबंध पर शरण ले रही है। पकहां, शीतलपुर, प्यारेपुर तथा सलेमपुर गांव में बाढ़ का पानी अभी पूरी तरह उतर नहीं पाया है। घरों में बाढ़ का पानी बहने के कारण विस्थापित परिवार अभी घर लौटने की स्थिति में नहीं है। प्रशासनिक स्तर पर चलाए जा रहे कम्युनिटी किचन मंगलवार की रात से बंद कर दी गई है। बाढ़ पीड़ितों की मानें तो फिलहाल तीन-चार दिन तक सामुदायिक रसोई चलाना आवश्यक है। ताकि उनके समक्ष भोजन की समस्या दूर हो सके। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जलावन, शौचालय, पेयजल सहित कई समस्या बरक़रार है ।