मांझागढ़ । व्हीएसआरएस संवाददाता : प्रखण्ड के दियारा क्षेत्रो में बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब महामारी की आशंका से ग्रामवासी सहमे हुए हैं । उनका कहना है कि पहले से ही कोरोना महामारी ने जिंदगी को अस्त व्यस्त कर दिया है । अब बाढ़ का पानी कम होने के बाद सड़ांध से बदबू आने लगी है जिससे अन्य बीमारियों के फैलने की आशंका है ।
उल्लेखनीय है कि माँझा प्रखण्ड के निमुइयाँ पंचायत का माघी , मुंगरहा , केरवानिया टोला , विशुन साहनी के टोला व गौसियां का वृति टोला व बलुआ टोला , पुरैना का इशुआपुर , भैसही का बलुही मलाही टोला पूर्ण रूप से बाढ़ से प्रभावित रहे हैं । ये सभी गांव जलजमाव से चारो ओर से घिर गए थे । लोग तटबंधों पर शरण लेने लगे थे । अब लोग तटबंध से अपने घर वापस जा रहा हैं । लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया था । घरों में जाने के बाद अब विषैले सांपों से सामना हो रहा है ।
त्रि विश्राम के दौरान बच्चों को इन विषैले सर्पों से बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है । उनकी जिंदगी खानाबदोष की हो गई है । कभी वे सिस्टम को दोष देते हैं तो कभी अपनी किस्मत को दोष देते हैं । उन्होंने अपनी जिंदगी को इस पीड़ा को सहने के लिए ढाल लिया है । बुजुर्ग लोगों का कहना है कि हर साल बाढ़ आती है , पलायन करना पड़ता है । सरकार की ओर से राहत राशि के नाम पर छह हजार रुपए व एक पॉलीथिन दिया जाता है । इस बार एक अदद पॉलीथिन तक नहीं मिला ।
सरकारी सुविधा लेने के लिए प्रखण्ड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है सो अलग है । गौसियां के मुखिया राधारमण मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष लोगों को पॉलीथिन तक नहीं दिया गया । लोग खुले आसमान के नीचे शरण लेकर रहे लेकिन प्रशासन को दया नहीं आई । सामुदायिक किचेन तक कि व्यवस्था नहीं कि गई ।