बैकुंठपुर। व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड में गंडक नदी के निचले हिस्से में बसे ग्रामीण कटाव की आशंका से सहमे नजर आ रहे हैं। गंडक नदी का जलस्तर खतरे के लाल निशान से 50 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों में कटाव की संभावना बढ़ती जा रही है।
पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी के डिस्चार्ज लेबल में भी लगातार कमी हो रही है। नदी के निचले हिस्से में बसे 16 गांवों के लोग बाढ़ की तबाही से ढाई महीने तक जूझते रहे। अब कटाव की आशंका से ग्रामीण से हमें नजर आ रहे हैं। बाढ़ की वजह से तटवर्ती इलाकों में लगी गन्ने की फसल 75 फ़ीसदी तक बर्बाद हो गई है। अब ग्रामीणों को यह डर सता रहा है कि 25 प्रतिशत बची फसल भी कटाव की भेंट चढ़ सकती है।
वैसे बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता सचिन कुमार ने बताया कि डुमरियाघाट से लेकर 40 किलोमीटर पूरब बैकुंठपुर के प्यारेपुर तक कहीं भी कटाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है।
कटाव की आशंका को लेकर हर संभव तैयारी पूरी कर ली गई है। बावजूद नदी के घटते जलस्तर को देखकर सलेमपुर, आशा खेरा, प्यारेपुर सहित अन्य गांवों के लोग कटाव की आशंका से सहमे नजर आ रहे हैं।