- प्रतिनिधि व प्रशासन के विरुद्ध बाढ़ पीड़ितों में नाराजगी
मांझागढ़| व्हीएसआरएस संवाददाता: बाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण प्रखण्ड के दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैल गया है । दियारा क्षेत्र के 8 गांवों की करीब 6 हजार की आबादी बाढ़ से घिर गई है । लोग अपने घरों से पलायन करने लगे हैं । जान- माल की सुरक्षा को लेकर लोगों में भय का माहौल है । प्रशासन की ओर से अभी तक बाढ़ के पानी में घिरे लोगों को बाहर निकालने की कोई व्यवस्था ही कि गई है लेकिन किसी प्रकार की सरकारी मदद लोगों को नहीं मिली है ।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को 4 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था जो शनिवार की देर शाम को दियारा इलाके में पहुंच गया । जिससे तटबंध के निचले हिस्से के गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है । वहीं सारण तटबंध पर भी पानी का दबाव बढ़ रहा है । जिससे बांध की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है । हालांकि अब तक स्थिति नियंत्रण में लग रही है । रुक रुककर हो रही बारिश भी चिंता का विषय बनी हुई है । स्थानीय लोगों का कहना है की बांध की मरम्मत में कोताही बरती गई है जिसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है ।
वहीं बाढ़ प्रभावित गांवों में घिरे लोग अपने बाल बच्चों के साथ पलायन करने को मजबूर हैं लेकिन अब तक कोई मदद प्रशासन की ओर से नहीं मिल सकी है । निमुइयाँ पंचायत का विशुनपुर , मथुरा साह के टोला , माघी , नया टोला , विनोद साहनी के टोला , मुंगरहा , केरवानीया टोला , विशुन साहनी के टोला व गौसियां का वृति टोला , मदन मुखिया के टोला , बलुआ टोला , पुरैना के इशुआपुर , भैसही का बलुही मलाही टोला सहित अन्य कई गांव बाढ़ के पानी से पूर्णतः घिर गए हैं । गौसियां के पूर्व मुखिया राधारमण मिश्रा यादव ने बताया कि लोगों को परेशानी हो रही है ।
बाढ़ के बीच जीवन व्यतीत करना मजबूरी बन गई है । हालांकि नाव की व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट दिखे । बाढ़ पीड़ित नरेश यादव का कहना था कि अब तक एक भी प्रतिनिधि उन्हें इस दुख की घड़ी में देखने तक नहीं आया । फुस का घर गिर रहा है लेकिन प्रशासन पॉलीथिन भी नहीं दे रहा है । अब तक इलाके को बाढ़ ग्रस्त भी नहीं घोषित किया गया है ।