बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: गंडक नदी के जलस्तर में लगातार कमी के बावजूद अभी भी बैकुंठपुर के पांच गांवों में बाढ़ का पानी बह रहा है।14 गांव बाढ़ से प्रभावित थे। जिनमें महारानी, हथियाही, दिला टोला तथा घोघारहां, बंधौली, उसरी दियारा, सलेमपुर, खोमहारीपुर गांवों से बाढ़ का पानी उतर गया है। जिन गांवों में बाढ़ का पानी उतर गया है। वहां महामारी की आशंका से बाढ़ पीड़ित भयभीत नजर आ रहे हैं। 1500 से अधिक परिवार गंडक नदी के निचले हिस्से में आई उफान से विस्थापित हो गए थे। इनमें से एक हजार परिवार नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद अपने घर लौटने लगे हैं।
जबकि पांच सौ से अधिक परिवार अभी भी तटबंध पर शरण ले रहे हैं। आशा खैरा, यादवपुर, महम्मदपुर, प्यारेपुर, बिनटोली, सीतलपुर गांवों में अभी भी बाढ़ का पानी बह रहा है। जिससे बढ़ विस्थापित परिवार घर लौटने की स्थिति में नहीं है। ऐसे परिवार सारण मुख्य तटबंध तथा राजस्व छरकी पर खानाबदोश की जिंदगी जी रहे हैं। कई ऐसे बाढ़ पीड़ित परिवार हैं जो चारों तरफ से बाढ़ के पानी फंसे रहने के बावजूद अपने घरों में ही रह रहे हैं।
ऐसे परिवारों को आवश्यक सामग्री की खरीदारी के लिए बाहर निकलने के लिए नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे बाढ़ पीड़ितों की परेशानी कम नहीं हो पा रही है। नाव के अभाव में इन परिवारों को पैदल ही आवागमन करना पड़ रहा है।
दूधमुंहे बच्चों को नहीं मिल रहा आहार
बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: गंडक नदी के निचले हिस्से में आई बाढ़ की वजह से दूधमुंहे बच्चों की परेशानी बढ़ गई है। पकहां व शीतलपुर गांवों में बाढ़ की तबाही अभी भी बरकरार है। इन दोनों गांवों के एक हजार से अधिक की आबादी के लिए प्रशासनिक स्तर पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है। कम्युनिटी किचन में बड़े, बुजुर्ग व बच्चों को भोजन कराया जा रहा है। लेकिन दूध मुंहे बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था सरकार के स्तर पर नहीं की जा सकी है। दूध नहीं मिलने से बिलबिला रहे बच्चों की हालत बिगड़ती जा रही है। बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन से तत्काल पैकेट दूध की व्यवस्था कराने की गुहार लगाई है।
खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर है गंडक नदी
बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। लेकिन अभी भी नदी का जलस्तर मटियारी मीटर गेज पर खतरे के निशान से दस सेंटीमीटर ऊपर है। पिछले 48 घंटे के दौरान नदी के जलस्तर में 125 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता सचिन कुमार ने बताया कि बुधवार की देर रात तक नदी के जलस्तर में और कमी आने की संभावना है। गुरुवार की सुबह तक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंच जाएगा। बाढ़ प्रभावित इलाकों में अगले 24 घंटे के दौरान दो फीट तक जलस्तर में कमी आने की संभावना है। इससे निचले हिस्से में बसे लोगों को राहत महसूस होगी।
कम्युनिटी किचन में कराया जा रहा बाढ़ पीड़ितों को भोजन
बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड के सतरघाट में प्रशासनिक स्तर पर चलाए जा रहे कम्युनिटी किचन में बुधवार को 1160 लोगों को भोजन कराया गया। अंचल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि तीन गांवों के बाढ़ पीड़ितों के लिए यहां कम्युनिटी किचन चलाया जा रहा है। जिसमें मीनू के अनुसार दोनों समय भोजन की व्यवस्था की गई है। पकहां और शीतलपुर गांवों से जब तक बाढ़ का पानी नीचे नहीं उतर जाता तब तक कम्युनिटी किचन चलाया जाएगा। बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसका प्रशासनिक स्तर पर ख्याल रखा जा रहा है।
17 सड़कों पर बह रहा बाढ़ का पानी
बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: गंडक नदी के निचले इलाके में आई उफान से 17 सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है। सीतलपुर, पकहां, महारानी, आशा खैरा, प्यारेपुर, बिन टोली गांवों के दस सड़कों से बाढ़ का पानी उतर गया है। लेकिन 27 सड़कों पर अभी भी बाढ़ का पानी बह रहा है। इससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है। इन गांवों में अभी भी आवागमन के लिए नाव का ही सहारा है। प्रशासनिक स्तर पर दस नाव चलाई जा रही है। जो बाढ़ पीड़ितों की संख्या के अनुपात में काफी कम साबित हो रही है।
हिरण को लेने पहुंची वन विभाग की टीम
बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड के मटियारी गांव के समीप बाढ़ के पानी में बह रहे हिरण के बच्चे को ग्रामीणों एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं की टीम ने 21 जुन को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला था। वन विभाग सूचना मिलते ही हिरण को लेने के लिए मटियारी गांव पहुंची। कनीय अभियंता ओमप्रकाश ने बताया कि रेंजर के नेतृत्व में पहुंची तीन सदस्य टीम ने हिरण को अपने कब्जे में ले लिया है। टीम उसे बेतिया वापस ले कर चली गई। वन विभाग को हिरण सुपुर्द करने के दौरान कई ग्रामीण भी मौजूद थे। ग्रामीणों के अनुसार हिरण पूरी तरह स्वस्थ व सुरक्षित था।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में कीटनाशक का छिड़काव जरूरी
बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड के गंडक नदी के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव आवश्यक बन गया है। पांच गांवों में बाढ़ का पानी उतर गया है। इन गांवों के बाढ़ पीड़ित परिवार संक्रमण से बचाव के लिए अस्पताल प्रशासन से इट नाशक दवाओं का छिड़काव कराने की मांग कर रहे हैं। हेल्थ मैनेजर अखिलेश कुमार दुबे ने बताया कि जिन गांवों से बाढ़ का पानी उतर गया है। उनमें बुधवार से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव शुरू किया जाएगा। ताकि बाढ़ पीड़ितों के बीच किसी संक्रामक बीमारी न पनप सके।