सब्जियों के भाव:
- पहले नेनुआ– 20
- अब नेनुआ – 30
- परवल पहले -40
- अब परवल – 60
- पहले फूल गोभी -60
- अब फूल गोभी – 120
- पहले भिंडी – 20
- अब भिंडी -30
- पहले बोड़ी -40
- अब बोड़ी – 60
- पहले करेला-30
- अब करेला -40
मीरगंज । व्हीएसआरएस संवाददाता: बढ़ती महंगाई के कारण हरी सब्जियां आम लोगों की थाली से दूर हो रही है। बारिश के कारण लौकी, नेनुआ, करेला समेत कई लत्तर वाली सब्जी बिल्कुल बर्बाद हो गए हैं। इधर भिंडी, टमाटर, हरी मिर्च समेत कई सब्जी अब खत्म होने के कगार पर हैं। खेतों में जलजमाव के कारण इनमें अब रोग लगने शुरू हो गए हैं। कुछ सब्जियां तो, बिल्कुल गल चुकी हैं। जिसके कारण इसके भाव बीते कुछ दिनों से आसमान छू रहे हैं।
इसका असर आम लोगों के बजट पर व रसोई पर भी पड़ रहा है। मीरगंज शहर के सब्जी मंडी में सब्जी की दुकान लगाने वाले कुंदन कुमार का कहना है कि बाहर से सब्जियां बाजार में पहुंच रही हैं। जो काफी महंगी हैं। स्थानीय स्तर पर इनके उपज काफी प्रभावित हुए हैं। इधर त्रिलोकपुर गांव के सब्जी की खेती से जुड़े किसान दिनेश सिंह का कहना है कि इस बार बारिश से कई तरह के सब्जी की फसल खराब हो गई है। खेतों में पानी लगने से पौधें पीले पड़ रहे हैं। कई किसानों की हालत इस बार खराब है।
75 फसीद तक बाहर से आ रही है सब्जी:
बता दें कि आलू व प्याज का मूल्य छोड़ दिया जाए तो, स्थानीय स्तर पर कुछ सब्जियों के दाम में दोगुना की वृद्धि हुई है। बारिश से पहले जिन सब्जियों के भाव 20 रुपये थे। आज वह 40 रुपये प्रति किलो है। इधर बारिश के कारण करीब 75 फीसदी सब्जी का आवक बाहर से है। जबकि 25 फीसदी ही स्थानीय सब्जी हैं।
कहती हैं महिलाएं:
मीरगंज शहर की गृहणी सीमा देवी का कहना है कि सब्जियों के भाव बढ़ जाने से इसका बोझ जेब पर पड़ रहा है। अभी बेसन, मटर व चना आदि की सब्जी पर हीं अधिक ध्यान दिया जा रहा है। वहीं पुष्पा देवी कहती हैं कि बारिश के कारण हरी सब्जी के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि हरी सब्जी का सेवन जरूरी है। जिसके कारण एक किलो के बदले आधे किलो से हीं काम चलाया जा रहा है।