बैकुंठपुर| व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के पांच प्रखंडों में गंडक नदी के बढ़ते-घटते जलस्तर के बीच बाढ़ पीड़ितों की परेशानी शुक्रवार को भी बरकरार रही। नदी के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की कमी आई है। इससे बाढ़ पीड़ितों को थोड़ी राहत मिल रही है। लेकिन अभी भी नदी का जलस्तर खतरे के लाल निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर है। जिले के गोपालगंज सदर, माझागढ़, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंडों के 42 बाढ़ प्रभावित गांवों में 22 गांवों से पानी उतर रहा है। 20 गांवों में अभी भी तबाही बरकरार है। इनमें बैकुंठपुर प्रखंड के 16 गांव शामिल हैं। गंडक नदी के गर्भ में बसे इन निगाहों के तीन हजार से अधिक परिवार अभी भी तटबंध पर शरण ले रहे हैं।
बैकुंठपुर के मसूरिया, बहरामपुर, उसरी दियारा, प्यारेपुर, बिनटोली, यादवपुर, महम्मदपुर, आशा खैरा, सलेमपुर, खोम्हारीपुर, पकहां, शीतलपुर, अदमापुर, नरवर गांवों में अभी भी बाढ़ का पानी बह रहा है। इससे बाढ़ पीड़ित अपना घर छोड़कर तटबंध पर शरण ले रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ के पानी में एक फीट तक कमी दर्ज की गई है। गुरुवार को जिन गांवों में तीन फीट बाढ़ का पानी बह रहा था। वहां अब दो फीट पानी बह रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवागमन के लिए लोगों को नाव का ही सहारा है। सात दिनों से बाढ़ की तबाही झेल रहे ग्रामीण आर्थिक स्थिति से पूरी तरह लचर हो चुके हैं।
चार हजार एकड़ गन्ने की फसल हुई बर्बाद
बैकुंठपुर। गंडक नदी के निचले हिस्से में आई बाढ़ तथा अन्य इलाकों में अत्यधिक बारिश होने से चार हजार एकड़ से अधिक गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है। गन्ने की पत्तियां झुलस गई है। इससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। पिछले वर्ष तीन महीने तक बाढ़ का तांडव पूरे इलाके में मचा था। जिससे गन्ने की शत-प्रतिशत फसलें बाढ़ की भेंट चढ़ गई थी। इस बार भी जब गन्ने की फसल लहलहा रही थी। तभी बारिश और बाढ़ का पानी किसानों के लिए आफत का रूप ले लिया। किसानों ने फसल इनपुट मुआवजे की मांग उठा रहे हैं।