मांझागढ़| व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखण्ड के बाढ़ पीड़ित अब भी सरकारी मदद के इंतजार में हैं । लोग अब तटबंधों से घर वापस जाने लगे हैं । लेकिन सरकार की ओर से अब तक मदद नहीं मिल सकी है । उल्लेखनीय है कि निमुइयाँ पंचायत का माघी , मुंगरहा , केरवानिया टोला , गौसियां का बलुआ टोला , वृति टोला व पुरैना का इशुआपुर , भैसही का मलाही टोला पूरी तरह से जलमग्न थे ।
अब भी गांवों में निचले हिस्से में पानी मौजूद है । लोग तटबंधों पर शरण लेकर गुजारा कर रहे थे । खुले आसमान के नीचे बारिश की भयावहता को भी झेल रहे थे । लेकिन प्रशासन की ओर से एक अदद पॉलीथिन तक नहीं मिल सका । तटबंधों पर लोग चुड़ा गुड़ खाकर जीवनयापन करते रहे लेकिन सामुदायिक किचेन की व्यवस्था नहीं कि गई । माँझा के आठ गांवों के कुल छह हजार से ज्यादा लोग इस बाढ़ से प्रभावित रहे ।
लोगों का कहना है कि मानसून की पहली बारिश ने ही बाढ़ ला दिया अभी बरसात का महीना बाकी है । सम्भावित बाढ़ की आशंका को लेकर लोग सहमे हुए हैं । सारण तटबंध में भी अब तक रेनकट की पूर्ण रुप से मरम्मत नहीं कि जा सकी है । अगर समय रहते बांध की मरम्मत कार्य को पूरा नहीं कर लिया गया तो सावन के महीने में तबाही हो सकती है ।