बैकुंठपुर। व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के बाढ़ पीड़ित परिवारों को इस वर्ष तीन महीने बाद भी सहायता राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। बाढ़ पीड़ित परिवार आर्थिक बदहाली से जूझ रहे हैं। ऐसे परिवार अंचल कार्यालय से लेकर पंचायत प्रतिनिधियों के घर तक का चक्कर लगा रहे हैं।
कई लोग बैंक व सीएसपी में भी प्रतिदिन अकाउंट चेक करा रहे हैं। लेकिन बाढ़ पीड़ितों को निराशा ही हाथ लग रही है। बता दें कि गंडक नदी के निचले इलाके में इस वर्ष 15 जुन को पहली बार आई विनाशकारी बाढ़ से सात दिनों तक करीब दस हजार परिवार तबाही झेलते रहे।
28 जुन को दुसरी बार, दस जुलाई को तिसरी बार तथा 29 अगस्त को चौथी बार आई बाढ़ से जिले के गोपालगंज सदर, माझागढ़, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंडों के 42 गांवों में तबाही मची रही। बाढ़ का पानी गांवों से अब पुरी तरह उतर गया है।
लेकिन पीड़ित परिवारों को सहायता राशि नहीं मिल पाई है। प्रशासनिक स्तर पर बैकुंठपुर में 6250, सिधवलिया में 900, बरौली में 50 माझागढ़ में दो हजार, गोपालगंज सदर में करीब तीन हजार बाढ़ पीड़ित परिवारों को 6-6 हजार रुपए बाढ़ सहायता राशि का भुगतान आखिर किन परिस्थितियों में नहीं हुआ।
यह बाढ़ पीड़ितों की समझ से परे है। राशि नहीं मिलने की स्थिति में बाढ़ पीड़ितों का धैर्य अब टूटने लगा है। बाढ़ पीड़ित कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से राशि भुगतान की गुहार लगा चुके हैं। अब खुद को भगवान भरोसे छोड़ दिए हैं। बाढ़ पीड़ित परिवारों की नाराजगी प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक है।
इन गांवों में मची थी बाढ़ की तबाही
बैकुंठपुर। बैकुंठपुर प्रखंड के 16 सहित जिले के 42 गांवों में बाढ़ की तबाही मची थी। इन गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय और मुख्य सड़क से पूरी तरह भंग हो चुका है। प्यारेपुर, बीन टोली, फैजुल्लाहपुर, सलेमपुर, अदमापुर, खोम्हारीपुर, पकहां शीतलपुर, गम्हारी दियारा, बहरामपुर, महारानी, हथियाही, दिला टोला, घोंघाराहां, मसूरिया सहित अन्य गांवों में अब तक चार बार गंडक नदी में उफान आने से लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में अभी भी लोगों की जिंदगी पटरी पर नहीं आ सकी है।
सड़क की समस्या से आज भी जूझ रहे दियारावासी
बैकुंठपुर। प्रखंड के सोलह गांवों के करीब बीस हजार की आबादी अभी भी सड़क की समस्या से जूझ रही है। बाढ़ की तबाही बितने के बाद भी कई गांवों में सड़क संपर्क अभी भी दुरुस्त नहीं हो सका है। पकहां गांव में बाढ़ की तेज धार में सडक व पुलिया बहाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
यहां एक हजार से अधिक की आबादी सड़क की समस्या से अभी भी जूझ रही है। लोगों को प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सारण मुख्य तटबंध के अंदर बसे नरवार, अदमापुर सहित अन्य गांवों के लोग मुख्य सड़क तक जाने के लिए पगडंडी का सहारा ले रहे हैं।
मुआवजे की इंतजार में पथराई ग्रामीणों की आंखें
बैकुंठपुर। जिले में बाढ़ की विभीषिका झेल चुके परिवार अब भी मुआवजे के लिए टकटकी लगाए हैं। बाढ़ पीड़ित परिवारों में से दो सौ से अधिक परिवार अभी भी तटबंध पर शरण ले रहे हैं।
इन परिवारों को प्रशासनिक स्तर पर चार मीटर की प्लास्टिक, जेनरेटर, सामुदायिक रसोई की सुविधा मुहैया कराई गई है। मुआवजे के लिए बाढ़ पीड़ित परिवारों की आंखें पथरा गई है। बाढ़ पीड़ित जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक लगातार मुआवजे के लिए गुहार लगा रहे हैं।
इस बारे मे बैकुंठपुर सीओ सुनील कुमार ने बताया की बाढ़ पीड़ित परिवारों की सूची तैयार कर आपदा प्रबंधन विभाग के वेबसाइट पर लोड कर दी गई है। सहायता राशि मुहैया कराना सरकार का नितिगत निर्णय है। सरकारी स्तर पर निर्देश मिलने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ पीड़ितों के खाते में राशि ट्रांसफर करेगी।