मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज शहर के साहू जैन हाईस्कूल के समीप रेलवे फाटक दिन में लगातार बंद रहने से जाम की समस्या हो रही है। यह जाम प्रतिदिन लगता है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि फाटक बंद होने के के बाद दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती है। फिर उनको निकलने में घंटों का समय लगता है। यह फाटक जिले के पूर्वांचल भाग को शहर से जोड़ने वाली सड़क पर है।
इसके समीप में शहर के कॉलेज और कई स्कूल है। कहने का मतलब यह है कि यह सड़क काफी व्यस्त रहती है। जल्दी के चक्कर में फाटक बंद होने के बाद भी साइकिल और मोटर साइकिल वाले फाटक के नीचे से अपनी जान जोखिम में डाल पार करते हैं। आगे निकलने की होड़ में ट्रैक से गुजर रहीं ट्रेन के नजदीक भी चले जाते हैं। ढाला के पास में रेक पॉइंट रहने के कारण दिन में मालगाड़ियों को लोडिंग और अनलॉडिंग के लिए लगाया जाता है, जिससे घंटों फाटक बंद रहता है। इतना ही नहीं, जाम की समस्या को देखते हुए गेटमैन ट्रेनों के समय परिचालन के लिए फाटक को मजबूरन पहले से बंद कर देता है, जिससे फाटक के दोनों तरफ छोटी-बड़ी गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती है और भयंकर जाम लग जाता है।
कभी भी हो सकता है हादसा:
रेलवे ढाला पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसे टालने के प्रति रेल प्रशासन पूरी तरह उदासीन है। यहां रेलवे ढाला बंद होने पर लोग फाटक के नीचे से पार करते हैं। पैदल यात्री पार करते हैं। बाइक सवारों को ज्यादा बेचैनी रहती है। वे बैरियर के नीचे से गाड़ी किसी तरह झुकाकर पार करने लगते हैं। जो यात्री रोज फाटक के नीचे से बाइक निकालते हैं, उन्हें कुछ आदत हो गई है।
ओवरब्रिज नहीं बनने से परेशानी:
साहू जैन रेलवे ढाला पर रेलवे ओवरब्रिज नहीं बनने से परेशानी हो रही है। यहां रेलवे ओवरब्रिज की मांग कई साल से चल रही थी, जिसे मंजूरी तो मिल गई है लेकिन कार्य कब प्रारंभ होगा इसका इंतजार लोग कर रहे हैं। लोगों ने इस मामले को कई बार उठाया था।
जाम की समस्या को देखते हुए फाटक बंद किया जाता है। नियमानुसार 15 मिनट एक बार फाटक बंद रह सकता है, लेकिन जाम इतना रहता है कि फाटक को मजबूरन बंद करना पड़ता है। यहां ओवरब्रिज जरूरी है, तभी जाकर जाम की समस्या से निजात पाई जा सकती है। जाम से निपटने की व्यवस्था राज्य सरकार की यातायात पुलिस की है।
मुकेश कुमार, स्टेशन अधीक्षक, हथुआ