उचकागांव।व्हीएसआरएस संवाददाता: थाना क्षेत्र के नवादा परसौनी गांव के दाहा नदी किनारे स्थित श्मशान में शव जलाने से पूर्व दो पक्षों के बीच आम के पेड़ की डाली काटने को लेकर विवाद शुरू हो गया। जिसको श्मशान में तीन घंटे तक शव पड़ा रहा।
बताया जा रहा है कि थाना क्षेत्र के नवादा परसौनी गांव के 90 वर्षीय गणेश साह का शनिवार की सुबह निधन हो गया था। जिसका दास संस्कार करने के लिए स्वजन ग्रामीणों के साथ शव को लेकर गांव के दाहा नदी किनारे स्थित उस विवादित श्मशान की जमीन पर गए हुए थे। जहां की घेराबंदी का कार्य शुरू कराने के बाद स्थानीय मुखिया अकलू चौधरी और दूसरे समुदाय के लोगों के बीच विवाद चल रहा था।
उक्त जमीन पर प्रशासन द्वारा सरकारी अमीन से पैमाइश कराकर सड़क की जमीन छोड़ने के बाद श्मशान की घेराबंदी करने का आदेश जारी किया गया था। आदेश के दस दिन बाद भी अभी तक उक्त जमीन का अंचल के सरकारी अमीन ने पैमाइश कर श्मशान का सीमांकन नहीं किया है। जिससे दोनों पक्षों के बीच विवाद बना हुआ है।
इसी दौरान शनिवार के सुबह दस बजे उक्त जमीन पर ग्रामीण शव का दाह संस्कार करने के लिए पहुंचे हुए थे। जहां दाह संस्कार के लिए सरकारी जमीन में लगे आम के पेड़ की कुछ डालियां काट रहे थे। इसी दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोग मौके पर पहुंच गए और पेड़ की डाली काटने से रोक दिए। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया या। विवाद लगभग तीन घंटे तक चलता रहा।
मामले में एक तरफ के मृतक के स्वजनों का कहना था कि पूर्व से ही सरकारी जमीन में लगे आम के पेड़ की डालियां काटकर गांव के गरीब शवों का दाह संस्कार करते आ रहे है। जिसमें किसी ने रोक टोक नहीं की। जबकि दूसरे पक्ष के लोगों का कहना था कि दोनों पक्षों की सुनवाई के दौरान हथुआ एसडीएम राकेश कुमार ने पेड़ की कटाई पर रोक लगा दी है।
इसलिए अब दाह संस्कार के लिए पेड़ की डालियों को नहीं काटने दिया जाएगा। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर स्थानीय मुखिया पुत्र रंजीत यादव ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। जिसके बाद स्वजनों ने लकड़ी का बाहर से प्रबंध कर शव का दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू कराई। इस दौरान हुए घटना क्रम के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है।