मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज शहर स्थित पुस्तकालय भवन पर नगर परिषद द्वारा कब्जा जमाए जाने से इसकी उपयोगिता खत्म हो रही है|
नगर परिषद ने इसके परिसर को अपनी उपयोगिता में रखा है जिसमें सफाई कार्य में लगे सभी मशीन व उपकरण रखा गया है| साथ ही सफाई कर्मी व रात्रि प्रहरी इसमें रहते है। इसके कारण करीब एक दशक से पुस्तकालय में ताला लटका हुआ है| अब न पुस्तकालय खुलता है और न ही लोग आते है|
तीन दशक पूर्व लोगों के लिए पुस्तकालय में बेहतर व ज्ञानवर्धक पुस्तकें खरीद कर रखी गई थी। पुस्तकालय के रख रखाव की जिम्मेदारी के लिए एक कमेटी बनी थी। लेकिन जब से नगर परिषद के कार्यालय के रूप में इसका उपयोग शुरू हुआ तब से पुस्तकालय के दिन चले गए और उसके पूरे भाग पर नगर परिषद का कब्जा हो गया|
नगर परिषद के प्रशासनिक भवन बन जाने के बाद कार्यालय को दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया गया लेकिन पुस्तकालय परिसर पर नगर परिषद का कब्जा बरकरार रहा। पुस्तकालय से धीरे -धीरे किताबें भी गायब हो गई। लोगों को ज्ञान वर्धक पुस्तकें नहीं मिल रही हैं। लोगों की शिकायत के बाद भी पुस्तकालय अवैध कब्जे से मुक्त नहीं हो सका।
हरखौली गांव के महाश्रय प्रसाद ने अपनी जमीन देकर पुस्तकालय व वाचनालय का निर्माण कराया था। उसके बाद पुस्तकालय नियमित संचालित होते रहा| शहर के छात्र व अन्य लोग यहां आकर पुस्तकों का अध्ययन करते रहे। लेकिन जब इस परिसर में नगर परिषद का कार्यालय संचालित होना शुरू हुआ तो इसके बुरे दिन आ गए| पुस्तकालय भवन भी गर्त की ओर बढ़ चला। इसकी वजह से वहां पर किताबें भी नहीं रखी जा रही हैं। इससे विद्यार्थियों व अन्य लोगों को अच्छी पुस्तकें नहीं मिल पा रही हैं। शहर के बैद्यनाथ पूरी, डेविड,पप्पू मिश्र, आशुतोष पांडेय आदि लोगों ने बताया जब से नगर परिषद का कार्यालय शुरू हुआ है तब से पुस्तकालय के बुरे दिन शुरू हुए है। इस कब्जे को हटा कर इसे पुन: चालू करने की जरूरत है|
पुस्तकालय परिसर को खाली कर उसको सुन्दर व साफ सुधरा बनाने की योजना है। इसको एक बार फिर लोगों को बेहतर ज्ञान देने वाले केंद्र के रूप विकसित की जाएगा|
डॉ अजीत कुमार शर्मा, ईओ, मीरगंज नगर परिषद