मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज शहर से सटे सबेया स्थित गुड शेफर्ड चर्च में क्रिसमस की तैयारी अंतिम दौर में है।चर्च में क्रिसमस कैरोल गान व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। चर्च की साफ -सफाई से लेकर रंग रोगन तक का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है| प्रभु यीशु के आगमन को लेकर समुदाय के लोग आंतरिक तैयारी में जुटे हुए हैं।
बाहरी तैयारियों में चर्च, घर की साफ सफाई, पुष्प लगाना, कैंडल जलाना, क्रिसमस ट्री सजाना व तार लगाने और आंतरिक तैयारियों में पश्चाताप करना, क्षमा करना, मेल मिलाप करना, कैरोल गान व बाइबिल पाठ के जरिए स्वयं को प्रभु के राज्य के योग्य बनाने की तैयारियां चल रही हैं। इस अवसर पर विश्वासी अपने घर और गिरजाघरों की साफ-सफाई और सजाने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। कई लोगों ने अपने घर को बेहद खुबसूरत तरीके से रंगीन रोशनी और स्टार्स से सजा रहे हैं। वहीं गिरजाघर को भी बेहतर ढंग से सजाया जा रहा है।
करोल गान में जुटेंगे कलाकार :
सबेया चर्च के फादर त्रिलोक मसीह ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गईं है| करोल गान के लिए बाहर से कलाकार आएंगे| दोपहर 12 बजे प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा| जिसमें सभी लोग शामिल होंगे| दोपहर एक बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे| उसके बाद सामूहिक प्रेम भोज का आयोजन किया जाएगा| शाम को गैदरिंग कार्यक्रम कर बड़ा दिन मनाया जाएगा|
क्रिसमस के दिन यीशु मसीह ने मरीयम के घर लिया था जन्म:
ईसाई मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। जिसकी वजह से इस दिन को क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है। माना जाता है कि यीशु मसीह ने इसी दिन मरीयम के घर जन्म लिया था। प्राचीन कथा के अनुसार मरीयम को एक सपना आया था। इस सपने में उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी की गई थी।
इस सपने के बाद मरियम गर्भवती हुईं और उनको गर्भावस्था के दौरान बेथलहम में रहना पड़ा। एक दिन जब रात ज्यादा हो गई तो मरियम को रुकने के लिए कोई सही जगह नहीं दिखी। ऐसे में उन्होंने एक ऐसी जगह पर रुकना पड़ा जहां पर लोग पशुपालन किया करते थे। उसी के अगले दिन 25 दिसंबर को मरियम ने प्रभु यीशु को जन्म दिया था। इसी वजह से इस दिन को क्रिसमस के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।