कटेया। व्हीएसआरएस संवाददाता: भागवत कथा के श्रवण से युग युगांतर का पाप नष्ट हो जाता है । श्रीमद् भागवत कथा में भगवान के अच्छे चरित्रों का वर्णन किया गया है। इसका प्रत्येक श्लोक एक ग्रंथ के समान है। इसके श्रवण से मनुष्य का जीवन तृप्त हो जाता है। यह बातें कटेया प्रखंड के ईजरा शिव मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रवचन करते हुए आचार्य कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने कहीं।
उन्होंने भागवत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कथा सबसे पहले भगवान शिव ने पार्वती को सुनाया था । जब देवलोक में भी इस कथा का अति महत्व है तो इस मृत्युलोक में जन्म लेने वाले प्रत्येक प्राणी को कम से कम एक बार इस कथा का श्रवण करना
इस कथा का आयोजन करने वाला एक महान व्यक्तित्व का धनी होता है। इससे उसे सभी बंधनों से मुक्ति तो मिलती ही है ,परंतु इस कथा को सुनने के लिए जितने भी श्रोता पहुंचते हैं उनका जीवन भी धन्य हो जाता है। कहा भी गया है की भागवत कथा का श्लोक दूर-दूर तक यदि प्राणी के कानों तक जाता है,तो वह मुक्ति को प्राप्त कर लेता है। केवल मनुष्य ही नहीं, इस संसार में जितने भी जीव हैं, उनके कानों में कथा का कुछ अंश पड़ने से वह सीधे स्वर्ग का रास्ता तय कर लेता है। इसलिए कथा के दौरान कोई भी जीव यदि शांति पूर्वक बैठा हुआ है तो उसे परेशानी नहीं होने देना चाहिए। कथा में आज आचार्य ने नारद भगवान के चरित्र का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि जो कभी रद नहीं होता है वह नारद है ।उनके चरित्र का अनुसरण करने से मनुष्य सभी बाधाओं से मुक्त होता है। आज कथा के दौरान मौके पर मुख्य रूप से लोकायन मंच कटेया के संयोजक कौशल किशोर मिश्र, मुक्ति पांडेय, विजय यादव, मनोज शर्मा, सत्यनारायण यादव, सुनील पांडेय, गुड्डू पांडेय आदि थे।