मीरगंज| व्हीएसआरएस न्यूज: मीरगंज शहर में पिछले दो साल के अंदर सड़क के किनारे लगाएं गए वर, पीपल, पाकड़ और नीम के विशाल पेड़ काट दिए गए है|लेकिन उसके स्थान पर एक भी पौधा नहीं लगाया गया| जिससे शहर वासियों की मुश्किले बढ़ गई है| लोगों को ताजी हवा नहीं मिल पा रही है। पिछले दो वर्षो में करीब 22 विशाल पेड़ को काट दिए गया। ये सभी पेड़ किसी न किसी के दुकान व मकान के सामने थे। इन पुराने पेड़ों को तूफान में तेज हवाओं ने गिरा दिया या किसी साजिश के तहत सूखा दिया गया| जिससे यह गिर गए और काट दिए गया| उनके स्थान पर एक भी पौधे नहीं लगाए गए। वर्तमान में भी जहां पेड़ है उनकी टहनियों को काट कर नष्ट करने में लोग लगे हुए है। मीरगंज नगर परिषद की शुरू में शहर को हरा भरा करने की योजना थी लेकिन वह धरातल पर नहीं दिखा।
सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत शहर में पौधे लगाने की कवायद शुरू हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि नगर परिषद क्षेत्र में कितने विशाल पेड़ है इसकी जानकारी कर्मियों को नहीं है। शहर के मेन रोड, मिल रोड, नरइनिया रोड, हरखौली रोड, रजिस्ट्री ऑफिस रोड, स्टेशन रोड आदि में दो वर्ष पूर्व जहां हरियाली दिखती थी वहां आज अब वीरानगी दिख रही है। लोगों का कहना है कि जो हालात है उससे आने वाले कुछ वर्षों में नगर में एक भी वृक्ष नहीं दिखाई देंगे। जिस गति से पौधों को काटा जा रहा है उससे जाहिर होता है कि आने वाले कल के लिए सर छुपाने को वृक्ष नहीं बचेंगे। यही नहीं जो पेड़ सुख रहे है उसको भी बचाने वाला कोई नहीं है।
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी केशव गोयल ने कहा कि शहर को ग्रीन करने की योजना है। शहर के चिन्हित स्थानों पर पौधे लगाएं जाएंगे। नगर में कितने पेड़ है इसकी जानकारी एकत्र की जाएगी। मालूम हो कि मीरगंज नगर को ग्रीन बनाने के लिए कई सामाजिक संगठनों आगे आए थे लेकिन वह संकल्प पूरा नहीं हो सका। पर्यावरण प्रेमी डॉ सत्य प्रकाश ने बताया कि आज हम जिस दौर से गुजर रहे है उससे बचने के लिए पौधे लगाए। पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होने की जरूरत है।