पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट की मीटिंग में आज शनिवार (26 दिसंबर) को एक एजेंडे पर मुहर लगी है। राज्य में शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए बैठक में 103 नए नगर पंचायत और आठ नए नगर परिषद के गठन को मंजूरी दी गई। वहीं 32 नगर पंचायत को नगर परिषद में अपग्रेड किया गया है और 12 नगर निकाय को अपग्रेड किया गया है। इसके अलावा पांच नगर परिषद को नगर निगम में परिणत किया गया है।
शहरी जनसंख्या मात्र 11.27 प्रतिशत और देश में 31.16 प्रतिशत
प्रदेश में 2011 की जनगणना के अनुसार शहरी आबादी मात्र 11.27 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 31.16 प्रतिशत। हाल यह है कि बिहार के कई अनुमंडल मुख्यालय अब भी ग्राम पंचायत के अधीन है। सरकार का मानना है कि नए नगर निकायों के अस्तित्व में आने से लोगों को कई नयी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
यह सुविधाएं मिलेंगी नगर निकायों को
नगर निकाय के अस्तित्व में आने से लोगों को स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज सिस्टम, मशीनों के माध्यम से शहरों की साफ सफाई, पार्क व सामुदायिक सुविधाएं दी जा सकेंगी। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी आबादी को शहरी सुविधाएं मिलेंगी।
फ़िलहाल कई अनुमंडल मुख्यालय अब तक ग्राम पंचायत के अधीन थे। वहीं कई पुराने प्रखंड मुख्यालय जिनकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 12000 से अधिक थी तथा जहां शहरीकरण के विभिन्न मानक मौजूद थे पर अभी तक वे ग्रामीण क्षेत्र में ही थे। नगर पंचायत तथ नगर परिषद के रूप में गठित नगर निकायों के आसपास के क्षेत्रों में शहरीकरण की स्थिति पूरी तरह से थी। इसलिए इन जगहों पर नागरिक सुविधाओं को विकसित किया जाना जरूरी था।
यह बनाये नए नगर पंचायत
पटना में- पुनपन, पालीगंज, नालंदा में- हरनौत, सरमेरा, रहुई, परवलपुर, गिरियक, अस्थावां, एकंगरसराय, चंडी, भोजपुर मे – गड़हनी, बक्सर में चौसा, ब्रहम्पुर, कैमूर में हाटा, कुदरा व रामगढ़, रोहतास में चेनारी, दिनारा, काराकाट, रोहतास, मुजफ्फरपुर में मुरौल,सकरा, मीनापुर, बरुराज. कुढऩी, सरैया, माधोपुर सुस्ता, पश्चिम चंपारण में जोगापट्टïी, वैशाली में गोरौल, पातेपुर, मुंगेर में तारापुक, , शेखपुरा में चेवाड़ा, जमुई में सिकंदरा, खगडिय़ा में अलौली, परबत्ता, मानसी व बेलदौर, गया में वजीरगंज, फतेहपुर, डोभी, इमामगंज, खिजरसराय, औरंगाबाद में बारूण, देव, नवादा में रजौली, जहानाबाद में घोसी, काको, अरवल में कुर्था, पूर्णिया में चंपानगर, वायसी, अमौर, जानकीनगर, धमदाहा, मीरगंज, भवानीपुर, रूपौली, कटिहार में कोढ़ा, बरारी, कुरसेला, अमदाबाद, बलरामपुर, अररिया में जोकीहाट, नरपतगंज, किशनगंज में पौआखोली, सिवान में गुठनी, आंदर, गोपालपुर, हसनपुरा, बड़हरिया, सारण में मशरख, मांझी, कोपा, दरभंगा में कुशेश्वर स्थान पूर्वी, बहेड़ी, हायाघाट, घनश्यामपुर, बिरौल, भरवाड़ा, सिंहवाड़ा, जाले, कमतौल, मधुबनी में फुलपरास, समस्तीपुर में सरायरंजन, मुसरी घरारी, भागलपुुर में हबीबपुर, सबौर, पीरपैैंती, अकबरनगर, बांका में कटोरिया, सहरसा में सौर बाजार, बनगांव, नवहट्टïा, सोनबरसा, सुपौल में पिपरा, राघोपुर, मधेपुरा में सिंहेश्वर, बिहारीगंज और आलमनगर शामिल हैैं।
ये नगर परिषद अब नगर निगम बन जाएंगे
नगर परिषद सासाराम अब नगर निगम सासाराम।
नगर परिषद मोतिहारी अब नगर निगम मोतिहारी
नगर परिषद बेतिया अब नगर निगम बेतिया।
नगर परिषद मधुबनी अब नगर निगम मधुबनी
नगर परिषद समस्तीपुर अब नगर निगम समस्तीपुर।
ये बने नए नगर परिषद
पटना में – नगर परिषद बिहटा, नगर परिषद संपतचक
बेगूसमधेपुरा में- नगर परिषद उदाकिशुनगंज
राय में- नगर परिषद बरौनी
सुपौल में- नगर परिषद त्रिवेणीगंज
,समस्तीपुर में- नगर परिषद ताजपुर व शाहपुर पटोरी
लखीसराय में – नगर परिषद सूर्यगढ़ा
हालाँकि बिहार में नये नगर पंचायत, नगर परिषद व नगर निगम के गठन की कवायद से पंचायत चुनाव का गणित प्रभावित हो रहा है। नगर विकास एवं आवास विभाग की कार्यवाही से सूबे की 194 पंचायतों का भूगोल बदल रहा है और उसी के अनुरूप अगले साल होने जा रहे पंचायत चुनाव के लिए बन रही मतदाता सूची में भी परिवर्तन होगा।
आपको बताते चले कि पंचायती राज विभाग के अपर सचिव अमृत लाल मीणा ने इसको लेकर जिलों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा है कि नगर विकास एवं आवास विभाग से जो प्रारंभिक सूचनाएं आयीं हैं, उनके मुताबिक राज्य की 194 पंचायतों के क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है। राज्य की कुछ पंचायत पूरी तरह से नगर पचायत, नगर परिषद व नगर निगम का हिस्सा बनने जा रहीं हैं, उन जगहों पर तो कोई समस्या नहीं आएगी। लेकिन जो पंचायत आंशिक रूप से नगर निकाय में शामिल हो रहे हैं, पंचायत चुनाव के लिए बन रही वहां की मतदाता सूची में सुधार करना होगा। नए भौगोलिक क्षेत्रफल व जनसंख्या के हिसाब ने नए सिरे से वार्ड बचेंगे और इसका असर पर पंचायत प्र्रतिनिधियों की संख्या पर भी पड़ेगा।