पटना(व्हीएसआरएस न्यूज) बिहार चुनाव प्रचार अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा। रालोप के चिराग पासवान अभी तक चुनावी प्रचार में नहीं कूदे। पिता रामविलास पासवान के निधन से सारी परंपराओं को निभाने के बाद प्रचार करेंगे। लेकिन मीडिया के माध्यम से वार पर प्रहार कर रहे है। भाजपा के नेताओं के वोटकटुवा बयान पर कहा कि अगर उनकी पार्टी वोटकटवा है तो 2014 से पिता रामविलास पासवान के साथ मंच साझा क्यों करते आ रहे है। पिता जब एम्स में आखिरी सांस गिन रहे थे तो प्रधानमंत्री मोदी को दिन में दो बार फोन हाल खबर लेने के लिए आता था। भला प्रधानमंत्री के बारे में विरोधाभाष बयान कैसे दे सकता हूं। रहा सवाल वोटकटवा का तो शेर का बच्चा हूं जंगल चीरकर निकलूंगा या मारा जाऊंगा।
बिहार चुनाव में एनडीए से अलग होकर लड़ने और इसके परिणाम को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब में कहा कि उन्हें एनडीए से अलग होने के फैसले पर पछतावा नहीं हैं न ही यह फैसला लेने में उन्हें डर लगा। उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान की बातों को याद करते हुए कहा कि पापा बोलते थे कि अगर शेर का बच्चा होगा तो जंगल चीर कर निकलेगा अगर गीदड़ होगा तो वो मारा जाएगा। मैं भी अब खुद को परखने निकला हूं। शेर का बच्चा हूं तो जंगल चीर कर निकलूंगा। नहीं तो वहीं मारा जाउंगा।
चिराग ने पीएम की तस्वीर, प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान कहे जाने और पीएम के दिल में होने की बात पर आलोचना किए जाने को लेकर कहा कि मेरे पिता के आईसीयू में भर्ती होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने ही मेरा समर्थन किया था। ऐसे में मुझे मोदी जी का सम्मान क्यों नहीं करना चाहिए। जहां तक सीएम एलजेपी और बीजेपी के बीच दूरी जानने को लेकर उत्सुक हैं तो मैं यह कहते हुए इस डर को दूर करना चाहूंगा कि मैं बीजेपी नेताओं की आलोचना का स्वागत करता हूं, वो कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन कम से कम उनकी शब्दावली ठीक हो। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पीएम मोदी भी बिहार में चुनावी रैली करेंगे अगर वो मेरी आलोचना करेंगे तो मैं उनका भी स्वागत करूंगा।