पटना। व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों लेकर राजनीतिक दल सक्रिय हो चुके हैं। सभी दल मतदाताओं को साधने की कोशिश में जुट गए हैं। अपने वोट बैंक में विस्तार के लिए नए गठबंधन भी बन रहे हैं। इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की भी एंट्री बिहार चुनाव में हो गई है। उन्होंने शनिवार को पटना पहुंचकर देवेंद्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता दल के साथ गठबंधन की घोषणा की है।
ओवैसी और देवेंद्र प्रसाद यादव के गठबंधन को यूनाइटेड डेमोक्रेटिक सेक्युलर अलायंस (यूडीएसए) नाम दिया गया है। दोनों नेताओं ने कहा कि हम साथ में मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। अब इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर बिहार में ओवैसी की एंट्री से किसके वोट बैंक पर असर पड़ने वाला है? बिहार चुनाव पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि ओवैसी मुसलमानों वोटरों पर प्रभाव डालने में सफल रहेंगे।
ओवैसी की पार्टी बीते कुछ सालों से बिहार के सीमांचल क्षेत्र में काफी सक्रिय है। माना जा रहा है कि कटिहार और किशनगंज क्षेत्र में ओवैसी राजद को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बिहार में मुस्लिम और यादव को राजद का परंपरागत वोटर माना जाता है। लेकिन अब ओवैसी खुद मैदान में हैं और उन्होंने एक यादव समाज से संबंध रखने वाले नेता के पार्टी से गठबंधन भी कर लिया है। गठबंधन का ऐलान करते हुए ओवैसी ने साफ कहा कि हम किसी से नहीं डरते हैं। हमने हैदराबाद में बीजेपी को भी हराया है। मुस्लिम मतदाताओं पर किसी एक पार्टी का अधिकार नहीं है।
आरजेडी को पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजे देखने चाहिए। वे एक भी सीट नहीं जीत सके थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरजेडी के वजह से बीजेपी बिहार में जीत रही है। इस महीने की शुरुआत में बिहार विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके ओवैसी असल में किसके वोट बैंक में सेंधमारी करते हैं ये तो नतीजों के बाद ही पता चलेगा। लेकिन उनकी एंट्री ने बिहार चुनाव को दिलचस्प जरूर बना दिया है।