गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के बरौली विधान सभा क्षेत्र में जैसे ही गंडक का पानी कम होता जा रहा वहीं दूसरी तरफ चुनावी दाव पेच शुरू हो गई है। चुनाव का बिगुल बजने से पूर्व कई नामों की चर्चा हो रही है। महागठबंधन व एनडीए की चुनावी संभावनाओं पर भी बहस जारी है। इस विधानसभा से फिलहाल राजद के विधायक है। पिछले वर्ष महागठबंधन में जदयू के शामिल रहने से उसके आधार वोट से लालटेन ने कब्जा कर लिया था। इसी कारण से भाजपा से इस सीट को छीनने में राजद को कामयाबी मिली थी। लेकिन, इस बार सियासी सीन कुछ गजब है। जदयू एक बार फिर भाजपा के एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन चुका है। चुनावी समीकरण भी काफी हद तक बदल चुके हैं। लिहाजा अबकी चुनाव में जबर्दस्त लड़ाई के आसार हैं। इस सीट से एक बार फिर वर्तमान विधायक मो. नेमतुल्लाह का चुनाव लड़ना ही तय माना जा रहा है। एनडीए की ओर से सीट के बंटवारे व उम्मीदवार को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। पूर्व मंत्री व भाजपा नेता रामप्रवेश राय के एक बार फिर इस सीट से चुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे हैं। जानकारों की माने तो जिले में सीटों के बंटवारे में पेच फंसने पर जदयू व अन्य घटक दलों से अदला बदली की सूरत भी बन सकती है। वहीं, सीट व उम्मीदवार को लेकर किंतु-परंतु के बीच उम्मीदवार अपने पार्टी के शीर्ष नेताओं के इर्द गिर्द नजर आ रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता- 2,84047 है जिनमे 1,45508- पुरुष और 1,38527- महिला वोटर है। बरौली विधानसभा सीट पर राजद से पूर्व भाजपा का कब्जा था। यहां से रामप्रवेश राय लगातार विधायक रहे हैं। इस विधानसभा सीट अब तक चार बार भाजपा, एक बार राजद, एक बार निर्दलीय उम्मीदवार व तीन बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है। वहीं दूसरी तरफ बरौली विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ अभिषेक रंजन का कहना है कि बाढ की समस्या का समाधान आजादी के बाद से अब तक नहीं हो सका है। बाढ़ से प्राय: हर साल जान-माल की क्षति होती है। वर्ष 2017 में यहां बाढ़ से भारी क्षति हुई थी। इस वर्ष एक बार फिर तटबंध टूटने से बरौली नगर पंचायत सहित प्रखंड के गांवों में तबाही मची है। फसल, सड़क, पुल-पुलिया व आवासीय मकानों की बर्बादी हुई है। बरौली को अनुमंडल बनाने की मांग भी क्षेत्र वासियों की पुरानी है। हर लोकसभा व विधान सभा चुनाव में यह मुद्दा उठता रहा है, लेकिन इस पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। इस क्षेत्र में अब तक एक भी कॉलेज नहीं है। जीतने के बाद हम विशेष रूप से पहल करेंगे जिस से इन समस्याओं का समाधान हो सके।