पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: 12-13 दिसंबर की एक बजे रात में किशोरी के फोन कर बुलाने पर मिलने गए किशोर अंशु को अमन और अजहर पकड़ खींचकर पोल के पास लाकर पटक दिए। फिर अमन उसका हाथ-पैर पकड़ लिया और अजहर ने चापड़ से अंशु का गला रेतकर हत्या कर दिया। उसके मरने के बाद अंशु का मोबाइल और खून लगा चापड़ जैकेट में छुपा कर घर के समीप कूड़ा में छुपा दिया। खून लगने की वजह से अजहर कपड़ा, जैकेट तथा अंशु का मोबाइल नहर में फेंक बहन के यहां इस्लामपुर भाग गया। यह बात बहादुरपुर थाना क्षेत्र स्थित अजीमाबाद के सेक्टर डी में अंशु हत्याकांड में गिरफ्तार हत्यारोपित 23 वर्षीय अजहर ने जेल जाने से पूर्व बहादुरपुर पुलिस के समक्ष अपराध स्वीकारोक्ति बयान में कही है। उसने बताया है कि पुलिस जब इस्लामपुर में गिरफ्तार करने आई तो बहन ने घर से भगा दिया। रास्ते में ही तालाब में अपना मोबाइल और सीम तोड़कर फेंक दिया था।
पटना के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के संदलपुर के मृत युवक अंशु की मां विधवा है। उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए लोग पटना की सड़कों पर लगातार तीन दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। हत्या के तुरंत बाद अंशु की अजीमाबाद निवासी प्रेमिका के घर लोगों ने जमकर पथराव किया था। आज बुधवार को भी लोग कुम्हरार गुमटी के समीप ओल्ड बायपास रोड को जाम कर आगजनी और प्रदर्शन कर रहे थे। आक्रोशित लोग रोज ही कभी थाने के पास तो कभी रोड पर लगातार हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन कर रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार हत्यारोपित बिजली मिस्त्री अजहर ने पुलिस को बताया कि वह मूलत: लखनऊ का रहनेवाला है। यहां वह न्यू अजीमाबाद कॉलोनी में जहांगीर आलम के घर में किराए पर रहता था। घर में बिजली के काम करने के दौरान मो. अमन उर्फ ग्यासुद्दीन से पहचान हुई। बिजली के काम से अमन के घर हमेशा आता-जाता रहता था। सिगरेट पीने की आदत के कारण अमन से संपर्क हो गया। अजहर ने बताया कि कोचिंग में पढ़ाई के दौरान किशोरी का संदलपुर निवासी अंशु उर्फ लक्की किंग से संपर्क हुआ था। अंशु ने किशोरी को बातचीत करने को एक मोबाइल दिया था। मोबाइल की जानकारी मिलने पर आक्रोशित अमन ने बहन के साथ मारपीट कर अंशु को माेबाइल लौटा दिया।
अजहर के अनुसार किशोरी घर से मोबाइल से बात कर अंशु को घर बुला लेती थी और ग्राउंड फ्लोर पर खाली जगह में मिलती थी। घर के लोगों ने भी दोनों को तीन बार मिलते-जुलते पकड़ा था। इसके बाद किशोरी के कोचिंग जाने पर रोक लग गई और घर पर ही पढ़ने को कहा गया। बावजूद गुपचुप तरीके से दोनों में मोबाइल पर बातचीत होती रही। किशोरी के घर के आसपास अंशु के मंडराने से किशोरी के स्वजन परेशान रहने लगे। वे लोग अंशु का इंतजाम कर उससे छुटकारा चाहते थे।वही अजहर ने पुलिस को बताया कि उसकी भी किशोरी से दोस्ती हो गई और वह भी उसे चाहने लगा। इसके बाद अमन , उसके पिता मो. नौशाद तथा अजहर ने किशोरी को इज्जत का हवाला देकर अंशु से नहीं बात करने को समझाया। किशोरी के द्वारा बात नहीं करने के बावजूद अंशु उससे बात करने के लिए तंग करने लगा। इस व्यवहार से किशोरी तथा परिवार के सभी सदस्य अंशु के विरोधी हो गए।
आपको बताते चले कि 12 दिसंबर की शाम सात बजे अमन ने फोनकर अजहर को बुलाया। छत पर किशोरी, पिता मो. नौशाद, फुफेरा भाई कामरान तथा अजहर छत पर बैठकर अंशु की हत्या की योजना बनाए। योजना के अनुसार रात एक बजे किशोरी ने अंशु को बुलाया। अमन और अजहर घर के बाहर चाकू लेकर खड़े थे। अंशु के गली में आते ही अजहर आवाज देकर बुलाया और सुनसान स्थान ले गए। वहीं पहले से अमन छुपा था। अमन से अंशु को चापड़ भिड़ाया तो वह भागना चाहा। उसके बाद दोनों ने उसे पकड़ पोल के पास लाकर पटक दिए। अमन उसके हाथ-पैर पर चढ़ा रहा और अजहर चापड़ से गला रेत डाला। उसके मरने के बाद शव छोड़कर चलते बने। हत्याकांड में पुलिस पहले ही किशोरी के भाई और किशोरी को गिरफ्तार कर चुकी है। उसके पिता फरार हैं।